Cruelity of Qatar On Homosexuality: तेल और गैस भंडार का केंद्र कहे जाने वाला कतर इन दिनों फीफा वर्ल्ड कप के लिए सुर्खियों में है. हालाकि कतर अब अपने ही नागरिकों के साथ क्रूरता करने के एक मामले के कारण भी चर्चा में है. दरअसल कतर के कुछ नागरिक दूसरे देशों में शरण लेने के लिए मजबूर हैं. 


कतर के प्रशासन में समलैंग्किता पर प्रतिबंध है, ऐसे में देश की राजकुमारी को कतर के प्रशासन से डर है कि कहीं ट्रांसजेंडर होने के कारण उनको परेशान न किया जाए. इस वजह से वह कतर छोड़ने पर मजबूर हो गई हैं. राजकुमारी के देश छोड़ने की घटना को लेकर संडे टाइम्स ऑफ लंदन ने लीक दस्तावेजों के आधार पर रिपोर्ट छापी है.


क्या है कतर की राजकुमारी की कहानी


दस्तावेजों के मुताबिक राजकुमारी कतर के शासक परिवार अल थानी की सदस्य हैं. जब उन्होंने  ब्रिटेन में शरण  ली तो उन्होंने ब्रिटेन के होम ऑफिस, आप्रवासन और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सरकारी एजेंसी को यह बताया कि उसका बचपन कितना मुश्किलों भरा रहा है. उन्होंने आगे बताया कि वह एक महिला के रूप में जन्मी थीं लेकिन अंदर से वह एक पुरुष के समान हैं. कतर में समलैंगिग होना दंडनीय अपराध है. कतर में समलैंगिकता के लिए तीन साल की सजा है. ऐसे में वो वहां सेफ फील नहीं करती हैं.


"मुझे अपने भाइयों से शादी नहीं करनी"...


कतर की राजकुमारी के दस्तावेजों के मुताबिक वह साल 2015 की गर्मियों के दौरान अपने परिवार के साथ लंदन के फैमली ट्रिप पर गई थी लेकिन उस दौरान वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ वहां से भाग निकली थीं. दस्तावेंजों में लिखा था, 'मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी जिंदगी कचरे में फेंक दी गई हो. मैं कभी भी अपने परिवार के बाकी लोगों की तरह अपने चचेरे भाइयों से शादी नहीं करना चाहती थी.  मेरे भाई जो कुछ करने जा रहे थे, मैं उससे भयभीत थी. '


कतर में समलैंग्किता पर क्या है कानून


कतर में ट्रांसजैंडर होना कानूनन अपराध माना जाता है.  कतर में समलैंगिकता के लिए तीन साल तक की सजा हो सकती है. अक्टूबर में ह्यूमन राइट्स वॉच रिपोर्ट  पेश की गई थी जिसमें पाया गया कि कतर के सुरक्षा बलों ने एलजीबीटी लोगों को गिरफ्तार किया और बिना किसी कारण उन्हें 'हिरासत में रखा और प्रताड़ित' किया.