प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अफ्रीकी महाद्वीप की यात्रा भारत की विदेश नीति का एक अहम पड़ाव साबित हो रही है. इस बीच पीएम बुधवार (9 जुलाई 2025) को नामीबिया पहुंचे. यह उनकी पहली यात्रा है, लेकिन किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह तीसरी आधिकारिक यात्रा है, जो दोनों देशों के रिश्तों की निरंतरता को दर्शाता है. इस यात्रा का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि प्रधानमंत्री नामीबियाई राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा के विशेष निमंत्रण पर वहां पहुंचे. उनकी मुलाकात दोनों देशों के बीच आर्थिक, रणनीतिक, रक्षा और सांस्कृतिक सहयोग पर आधारित द्विपक्षीय वार्ता को नई दिशा देने का काम करेगी.
प्रधानमंत्री मोदी के नामीबिया पहुंचने पर उन्हें राजकीय सम्मान के साथ पारंपरिक अंदाज़ में ढोल बजाकर स्वागत किया गया. उन्होंने खुद भी नामीबियाई ढोल बजाने का अभ्यास कर स्थानीय संस्कृति के साथ आत्मीयता जताई. यह भारत की सांस्कृतिक कूटनीति का हिस्सा है, जहां नेताओं की तरफ से स्थानीय परंपराओं का सम्मान कर जनता के साथ संबंधों को मजबूत किया जाता है. सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना राजनयिक समीकरणों को सहज बनाने में सहायक होता है.
सहयोग के नए अवसर
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति नंदी-नदैतवा के बीच हुई बातचीत में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है. दोनों के बीच ऊर्जा और खनिज संसाधन, स्वास्थ्य सेवा और दवा क्षेत्र में सहयोग को लेकर चर्चा हो सकती है. इसके अलावा शिक्षा, कृषि, जलवायु परिवर्तन और स्किल डेवेलपमेंट समेत डिफेंस, साइबर सुरक्षा, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और स्टार्टअप सहयोग पर भी समझौते के आसार दिखाई दे रहे हैं. भारत पहले से ही नामीबिया को तकनीकी और मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में सहायता दे रहा है. यह यात्रा निवेश और व्यापार को नए स्तर तक ले जाने का अवसर है.
प्रधानमंत्री मोदी सैम नुजोमा को देंगे श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी, नामीबिया के संस्थापक राष्ट्रपति डॉ. सैम नुजोमा को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. नुजोमा को नामीबिया की स्वतंत्रता का प्रतीक माना जाता है. भारत और नामीबिया के ऐतिहासिक संबंध उपनिवेशवाद विरोधी संघर्षों की साझा विरासत से जुड़े हैं. यह श्रद्धांजलि सिर्फ औपचारिकता नहीं बल्कि भारत की विरोधी संघर्षों के प्रति संवेदनशीलता और समर्थन का प्रतीक है.
नामीबियाई संसद में संबोधन
प्रधानमंत्री मोदी के नामीबियाई संसद को संबोधित करने की भी योजना है. इसमें वह भारत और अफ्रीका के साझा हितों, वैश्विक दक्षिण की भूमिका और बहुपक्षीय विश्व व्यवस्था की आवश्यकता पर जोर दे सकते हैं. नामीबिया यात्रा प्रधानमंत्री मोदी के 5 देशों के अंतरराष्ट्रीय दौरे का अंतिम पड़ाव है. इससे पहले वे घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना और ब्राज़ील की यात्रा कर चुके हैं. इस व्यापक दौरे का उद्देश्य भारतीय निवेश और व्यापार को बढ़ाना, भारतीय प्रवासियों और मूल भारतीयों के साथ संवाद समेत कूटनीतिक सहयोग और रणनीतिक भागीदारी मजबूत करना था.
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