Vladimir Putin: शंघाई सहयोग संगठन की 18वीं शिखर बैठक (SCO Summit) के लिए उज़बेकिस्तान (Uzbekistan) का ऐतिहासिक शहर समरकंद (Samarkand) तैयार हो रहा है. 15 से 16 सितंबर तक होने वाली यह बैठक पहला मौका होगा जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन किसी बड़ी बहुराष्ट्रीय बैठक के मंच पर नजर आएंगे. विश्व राजनीति की लिहाज से यह जमावड़ा खासा अहम होगा क्योंकि एक तरफ जहां दुनिया की करीब आधी आबादी की नुमाइंदगी करने वाले नेता मौजूद होंगे. वहीं, चीन-रूस-ईरान जैसे धुर अमेरिका विरोधी नेता भी एक साथ एक मंच पर होंगे.


जाहिर है पूर्व सोवियत गणराज्यों की बहुलता वाले शंघाई सहयोग संगठन के मंच पर पुतिन की कोशिश छवि सुधार की होगी. वहीं चीन भी चाहेगा कि कोरोना और यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका विरोधी मोर्चाबंदी के लिए समर्थन की ताकत जुटाई जा सके.


पीएम मोदी और शी जिपिंग से करेंगे मुलाकात


रूस युक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद बीते 6 महीने में राष्ट्रपति पुतिन इसके पहले केवल ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के दौरे पर गए थे. जून 28-29 को हुई इस यात्रा के लिए पुतिन दो दिनों के लिए रूस से बाहर थे. इस बार भी ऐसा होगा कि राष्ट्रपति पुतिन 15 और 16 को दो दिनों के लिए रूस से बाहर होंगे.


समरकंद में रूसी राष्ट्रपति की मुलाकात चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से होगी वहीं भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी उन्हें मिलना है. पीएम मोदी से राष्ट्रपति पुतिन की द्विपक्षीय मुलाकात 16 सितंबर को होनी है. दोनों नेताओं के बीच दिसंबर 2021 में नई दिल्ली की शिखर बैठक के करीब 10 महीने बाद यह पहली रूबरू मुलाकात होगी.


आइएनएसटीसी परियोजना पर होगा जोर


समरकंद की इस बैठक में राष्ट्रपति पुतिन का प्रयास अमेरिका और पश्चिमी देशों की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों की दीवार में रूसी कारोबार के लिए नए दरवाजे बनाने का होगा. इस कड़ी में रूस अपनी महत्वाकांक्षी आइएनएसटीसी परियोजना यानी इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर को आगे बढ़ाने पर भी जोर देगा.


इस गलियारे में जहां उज्बेकिस्तान के ड्राय पोर्ट जोड़े जाने हैं वहीं भारत की मदद से ईरान में बनाए गए चाबहार बंदरगाह को भी जोड़ा जाना है. साथ ही एससीओ के बहाने रूस की कोशिश ऊर्जा कारोबार का भी एक वैकल्पिक मोर्चा बनाने की भी होगी जिसमें ईरान, कजाखिस्तान, तुर्मेनिस्तान जैसे देश शामिल हैं.


पुतिन के लिए होंगे सुरक्षा के खास इंतजाम


बीते माह अपने करीबी और राजनीतिक सलाहकार एलैक्जेंडर दुगिन (Alexander Dugin) की बेटी दारिया दुगिन (Daria Dugin) की हत्या के बाद हो रही पुतिन (Vladimir Dugin) की पहली विदेश यात्रा सुरक्षा इंतजामों के लिहाज से भी अहम होगी. सोवियत संघ का हिस्सा रहे उज़्बेकिस्तान (Uzbekistan) से रूसी सुरक्षा एजेंसियां (Russian Security Agencies) भले ही वाक़िफ हों लेकिन पुतिन के सुरक्षा घेरे को लेकर सख़्त इंतजाम किए जा रहे हैं.


समरकंद (Samarkand) में वीआईपी जमावड़े और सुरक्षा इंतज़ामों के चलते ही शहर को 14 सितंबर की सुबह से ही बाहरी आवाजाही के लिए सील कर दिया जाएगा. साथ ही इस बैठक का आयोजन भी समरकंद टूरिज़्म सिटी (Samarkand Tourism City) में किया जाएगा जो मुख्य शहर से दूर और चारदीवारी से घिरी है. सभी विदेशी मेहमान नेता और उनके प्रतिनिधिमंडल यहीं रहेंगे और यहीं से वापस हो जाएंगे. यानी सुरक्षा का घेरा बहुत सख़्त रखा जाएगा. बताया जाता है कि पुतिन की सुरक्षा टीम का दस्ता पिछले कुछ दिनों में कई राउंड दौरे और बैठकें उज़बेक अधिकारियों के साथ कर चुका है. साथ ही पुतिन (Putin) जिस होटल में रुकेंगे उसमें पहले से ही रूसी खुफिया एजेंसियों की टीम पड़ाव डाल चुकी हैं.


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