PM Modi US Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय अमेरिकी यात्रा को समाप्त कर शुक्रवार (14 फरवरी) को भारत लौट आए हैं. दो दिवसीय अमेरिकी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की. डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने व्यापार, टैरिफ, रक्षा संबंधों और द्विपक्षीय मुद्दों को लेकर प्रमुखता से चर्चा की.

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और सबसे पुराने लोकतांत्रिक देश के नेताओं की मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई थीं. इन दोनों नेताओं की मुलाकात ने वैश्विक मीडिया का ध्यान भी अपनी ओर आकर्षित किया. इसके अलावा इस मुलाकात पर अपना विश्लेषण भी किया है. आइए आपको बताते हैं कि किसी मीडिया आउटलेट ने क्या कहा है?

पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात को विश्व मीडिया ने किस तरह देखा?

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के मुलाकात के दौरान दोनों देशों के द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक दोगुना करके 500 बिलियन डॉलर करने का लक्ष्य को काफी अहम बताया है. इसके अलावा एआई, सेमीकंडक्टर और रणनीतिक मिनरल्स को लेकर भी दोनों नेताओं को समझौते को महत्वपूर्ण बताया.

वहीं, एसोसिएटेड प्रेस ने अपनी रिपोर्ट में भारत के हाई इम्पोर्ट ड्यूटी पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना पर जोर दिया है. इसके अलावा ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की बात पर भी जोर दिया है.

फाइनेंशियल टाइम्स ने भारत और अमेरिका के रक्षा संबंधों की मजबूती को लेकर रिपोर्ट किया है. फाइनेंशियल टाइम्स ने अमेरिका के भारत के साथ सैन्य संबंधों को मजबूत करने के प्रयास का महत्वपूर्ण बताया है. उसने अपनी रिपोर्ट में बताया कि दोनों नेताओं का यह कदम इंडो-पैसिफिक इलाके में चीन के प्रभाव से मुकाबला करने की वॉशिंगटन की रणनीति के लिए महत्वपूर्ण है.

न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि भारत अमेरिका से तेल और गैस के आयात को बढ़ावा चाहता है, ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन को कम किया जा सके. ब्लूमबर्ग ने रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “मुझे लगता है कि हमने करीब 15 बिलियन डॉलर का अमेरिकी ऊर्जा खरीदा है और इस बात की संभावना है कि यह 25 बिलियन डॉलर तक बढ़ सकता है.”

बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी की मुलाकात से काफी ज्यादा उम्मीदें लगाई गई थी, लेकिन इस बैठक के दौरान व्यापार विवादों को ठीक करने में कोई खास प्रगति नहीं हुई. हालांकि, इन दोनों नेताओं ने अपनी मुलाकात में रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने और भू-राजनीतिक लाभों को लेकर अपनी प्रतिबध्यता को दिखाया है.

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