प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबू धाबी मंदिर को सांप्रदायिक सौहार्द और वैश्विक एकता का प्रतीक बताया है. उन्होंने कहा कि यह मंदिर मानवता के लिए बेहतर भविष्य के बसंत का स्वागत करेगा. साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि मंदिर में हिंदू धर्म के साथ कुरान और बाइबिल की कहानियां भी उकेरी गई हैं. 


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक ही ईश्वर को, एक ही सत्य को विद्वान लोग अलग-अलग तरह से बताते हैं. यह दर्शन भारत की मूल चेतना का हिस्सा है इसलिए हम स्वभाव से ही ने केवल सबको स्वीकार करते हैं बल्कि सबका स्वागत भी करते हैं. पीएम मोदी ने कहा, 'मंदिर में आपको पग-पग पर विविधता में विश्वास की एक झलक दिखेगी.'


मंदिर की दीवारों पर मिस्त्र की सभ्यता और बाइबिल-कुरान की कहानियां
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मंदिर की दीवारों पर हिंदू धर्म के साथ, आप मिस्र की हायरोग्लिप देखेंगे. बाइबिल और कुरान की कहानियां भी उकेरी गई हैं. मैं देख रहा था मंदिर में प्रवेश करते ही वॉल ऑफ हारमनी के दर्शन होते हैं. इसे हमारे बोहरा मुस्लिम समाज के भाईयों ने बनवाया है. इसके बाद मंदिर का 3डी अनुभव होता है. इसे पारसी समुदाय ने शुरू करवाया है. लंगर की जिम्मेदारी के लिए हमारे सिख भाई-बहन सामने आए हैं. मंदिर के निर्माण में हर धर्म और संप्रदाय के लोगों ने काम किया है.'


पीएम मोदी बोले, भारतीय जहां जाते हैं वहां की संस्कृति को सम्मान देते हैं
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, 'मुझे बताया गया कि मंदिर की सात मीनारें संयुक्त अरब के सात अमीरात का प्रतीक हैं. यही भारत के लोगों का स्वभाव भी है. हम जहां जाते हैं वहां की संस्कृति और मूल्यों को सम्मान भी देते हैं और आत्मसात भी करते हैं. यह देखना कितना सुखद है कि सबके सम्मान का यही भाव राष्ट्रपति शेख मोहम्मद के जीवन में भी साफ दिखता है. उनका भी विजन है कि वी आर ऑल ब्रदर्स.' 


बुधवार (14 फरवरी, 2024) को बसंत पंचमी के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएई के अबू धाबी में बने भव्य मंदिर का उद्घाटन किया. यह मंदिर अबू धाबी में 27 एकड़ जमीन पर बनाया गया है, जिसके लिए 13.5 एकड़ जमीन यूएई सरकार की तरफ से भेंट की गई थी. इसके निर्माण में करीब 700 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.


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