मनीलाः फिलीपिंस में मुर्गों की अवैध लड़ाई में छापा मारने वाले पुलिस ऑफिसर की मुर्गे के हमले में मौत हो गई. दरअसल, मुर्गे के पैर ब्लेड से कवर थे और हमले में पुलिस ऑफिसर के पैर की धमनी (आर्टरी) कट गई थी. इससे पुलिस ऑफिसर लेफ्टिनेंट क्रिस्टीचन बोलोक की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि बोलोक वहां पर अवैध रूप से होने वाली मुर्गों की लड़ाई (कॉक फाइटिंग) के बारे में सुबूत जुटाने के लिए थे.


राज्य के पुलिस चीफ कर्नल अर्नेल ने कहा कि उत्तरी समर एरिया में हुई यह घटना हुई. इसमें पुलिस ऑफिसर के बाईं जांघ की आर्टरी में मुर्गे के पैर में लगा ब्लेड फॉर्क फंस गया और उसे काट दिया. इसके चलते पुलिसकर्मी के पैर से काफी खून बह गया और उसकी मौत हो गई. फिलीपिंस में मुर्गों की लड़ाई को 'तुपादा' कहा जाता है और यह काफी पॉपुलर है. लोग इस पर पैसा लगाते हैं.


मुर्गों के पैर में लगाते हैं ब्लेड फॉर्क


मुर्गों की लड़ाई में मुर्गों के पैर में ब्लेड फॉर्क लगाया जाता है जिसे गफ कहते हैं. इस लड़ाई में अक्सर एक मुर्गा मारा जाता है. फिलीपिंस में कोरोना वायरस फैलने के बाद खेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. पुलिस चीफ ने कहा, "यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और यह एक दुर्भाग्यपूर्ण बात है जिसे मैं समझा नहीं सकता"


तीन लोग गिरफ्तार
कर्नल अर्नेल ने कहा कि जब मुझे पहली बार इस घटना के बारे में बताया गया तो मुझे यकीन नहीं हुआ. मेरी 25 साल की पुलिस सर्विस के दौरान यह पहली बार है कि मैंने मुर्गों की लड़ाई के दौरान अपने एक पुलिसकर्मी को खोया है. सैन जोस शहर में छापेमारी के दौरान तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और दो मुर्गों को जब्त किया गया है.


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