अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा किए गए नए शोध के अनुसार भारत में पहली बार पहचाने गए दो कोरोना वायरस वेरिएंट के खिलाफ फाइजर और मॉडर्ना कोविड वैक्सीन प्रभावी हैं. यह लैब-आधारित स्टडी एनवाईयू ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन और एनवाईयू लैंगोन सेंटर द्वारा की गई थी. स्टडी में पाया गया कि फाइजर और मॉर्डना कंपनी की वैक्सीन कोरोना से लड़ने में पूरी तरह कारगर है. इन दोनों कंपनियों की वैक्सीन लेने के बाद संक्रमण से बचा जा सकता है.


शोधकर्ताओं ने बताया कि 'फाइजर और मॉडर्ना वैक्सीन कोविड-19 से लड़ने में कारगर है. इन दोनों कंपनियों की वैक्सीन से लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण से भी बचाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि पहली डोज लेने के दो सप्ताह बाद शरीर में काफी इम्यूनिटी विकसित हुई है. इसके साथ साथ लोग तेजी से रिकवर भी कर रहे हैं. ये हमारे लिए अच्छे संकेत हैं.


डब्ल्यूएचओ ने इंडियन वैरिएंट को बताया था चिंताजनक 


इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के भारतीय स्वरूप (बी.1.617) को चिंताजनक बताया था. डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 टेक्निकल टीम से जुड़ीं डॉ मारिया वैन केरखोव ने सोमवार को कहा कि सबसे पहले भारत में सामने आए वायरस के स्वरूप बी.1.617 को पहले डब्ल्यूएचओ द्वारा निगरानी में रखा गया था. उन्होंने कहा, "विभिन्न दलों द्वारा बातचीत की जा रही है. हम इस स्ट्रेन के बारे में और ज्यादा जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि हम जल्द इसमें कामयाबी पा लेंगे." उन्होंने आगे कहा, "कोविड-19 के भारतीय स्वरूप के बारे में उपलब्ध जानकारी और इसकी प्रसार क्षमता पर बातचीत करने के बाद हमने इसे वैश्विक स्तर पर चिंताजनक स्वरूप की श्रेणी में रखा है. यह वैरिएंट अब 44 देशों में मौजूद है."


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