इस्लामाबाद/नई दिल्ली: पनामा पेपर्स मामले में पाक पीएम नावज शरीफ को फौरी राहत मिली है. नवाज शरीफ को फिलहाल प्रधानमंत्री पद की कुर्सी नहीं छोड़नी पड़ेगी. पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ के खिलाफ ज्वाइंट इंवेस्टिगेशन टीम बनाकर जांच के आदेश दिए हैं.


जेआईटी 60 दिनों जांच रिपोर्ट सौंपेगी. इसके साथ ही पाक सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ और उनके दोनों बेटों हसन और हुसैन को ज्वाइंट इंवेस्टिगेशन टीम के सामने पेश होने के आदेश भी दिए हैं.


पांच जजों की बेंच में तीन जजों ने कहा कि नवाज शरीफ के खिलाफ आगे जांच होनी चाहिए. जबकि दो जजों का कहना था कि नवाज शरीफ को डिस्क्वालिफाई कर दिया जाए. नवंबर में शुरू हुई सुनवाई के बाद पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने 23 फरवरी कहा था कि वह 20 अप्रैल को इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी.


सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग- (नवाज) सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पार्टी की जीत बताया है. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम शरीफ ने अपने परिवार के साथ जश्न की कुछ तस्वीरें भी ट्वीट कीं. इन तस्वीरों में नवाज शरीफ अपनी पार्टी के नेताओं को परिवार वालों को गले लगाते दिख रहे हैं.


 


पनामा कांड में नाम सामने आदे बाद से नवाज शरीफ विरोधियों के निशाने पर हैं. तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के मुखिया इमरान खान लगातार रैलियों करके पनामा पेपर का मामला उठाते रहे हैं.


नवाज शरीफ पर क्या हैं आरोप?
नवाज शरीफ पर आरोप है कि उनके रसूख का इस्तेमाल करते हुए उनके बच्चों ने विदेश में फर्जी कंपनियां बनाकर लोन लिया. इस पूरे मामले में आरोप है कि इस पूरे मामले में नवाज शरीफ के परिवार ने अघोषित संपत्ति का इस्तेमाल किया. यह पूरा मामला बहुचर्चित पनामा पेपर लीक मामले के बाद सामने आया था.