Pakistan Rawalpindi: भारत और पाकिस्तान का बंटवारा साल 1947 में हुआ था. बंटवारे के बाद पाकिस्तान एक अलग देश बन गया और उसने खुद को इस्लामिक देश घोषित कर लिया. इस वक्त पाकिस्तान में कई ऐसे शहर हैं, जो बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं. इनमें से एक रावलपिंडी भी है, जहां देश की आर्मी का हेड क्वार्टर मौजूद है. हाल ही में एक वायरल वीडियो में पाकिस्तान के लेखक सज्जाद अजहर ने खुलासा किया कि रावलपिंडी शहर का नाम हिंदू शासक महाराणा बप्पा रावल के नाम पर रखा गया है.


पाकिस्तानी लेखक सज्जाद अजहर से जब एक इंटरव्यू में रावलपिंडी के इतिहास के बारे में सवाल किया गया. इस पर सज्जाद अजहर ने कहा कि रावलपिंडी में सबसे पहले फौजी चौकी 8वीं सदी में लगाई गई थी. उस चौकी को राजस्थान के सबसे बड़े शासक बप्पा रावल ने लगाई थी. बप्पा रावल मे 712 ईसवीं में अब के पाकिस्तान से अरबों के शासन को उखाड़ा फेंका था, जिनमें मोहम्मद बिन कासिम एक अरब शासक था.


फौजी चौकी की स्थापना
अरब शासक मोहम्मद बिन कासिम का शासन मुल्तान तक था. हिंदू राजा बप्पा रावल ने मोहम्मद बिन कासिम के शासन को मुल्तान से हटा दिया और ईरान भागने को मजबूर कर दिया. हिंदू राजा बप्पा रावल ने अरबों को अफगानिस्तान तक खदेड़ दिया. बप्पा रावल जब वापस लौटकर पाकिस्तान आए तो उन्होंने, दुश्मन के हमलों से बचने के लिए फौजी चौकी स्थापित करने के बारे में सोचा.






बप्पा रावल ने जीटी रोड के हर 100 मिल के दूरी पर एक फौजी चौकी स्थापित की. उन चौकियों में से रावलपिंडी भी एक चौकी थी, जिसके बाद हिंदू राजा के नाम पर शहर का नाम रावलपिंडी पड़ गया. (एबीपी वीडियो की पुष्टि नहीं करता है)


भारत से लेकर अफगानिस्तान शासन
राजस्थान के हिंदू राजा बप्पा रावल का शासन भारत से लेकर अफगानिस्तान तक फैला हुआ था. बप्पा रावल को मेवाड़ के मुहिल वंश का असली संस्थापक कहा जाता है.


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