Pakistan Use Indian Currency: पाकिस्तान (Pakistan) की आर्थिक स्थिति बेहद ही खराब है. इसके वजह से पाकिस्तान की करेंसी भी दिन-ब-दिन अपने सबसे निचले स्तर पर आती जा रही है. आजादी के दौरान भी कुछ ऐसा ही हाल पाकिस्तान का था. बंटवारे के वक्त पाकिस्तान में कोई केंद्रीय बैंकिंग सिस्टम मौजूद नहीं था. उस दौरान पाकिस्तान ने पूरे एक साल तक भारत की करेंसी इस्तेमाल की थी. 


किसी ने कभी सोचा नहीं होगा कि पाकिस्तान ने बिना किसी बैंकिंग सिस्टम के कैसे काम किया होगा. बंटवारे के समय दोनों देशों के बीच बड़े पैमाने पर हिंसा हुई और इसके परिणामस्वरूप क्षेत्रों, शक्तियों और संपत्तियों का विभाजन हुआ. 


कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर संघर्ष करना पड़ा था


भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच आजादी के बंटवारे के समय करेंसी को लेकर भी कई तरह की समस्याओं से निपटना पड़ा था. दोनों देशों के बीच सिक्के, करेंसी, लोन मैनेजमेंट, काम करने वाले लोग और प्रॉपर्टी के संबंधित ट्रांसफर को लेकर संघर्ष करना पड़ा था.


भारत की तत्कालीन अंतरिम सरकार ने विभाजन के प्रशासनिक परिणामों की जांच करने और दो डोमिनियनों को सत्ता के ट्रांसफर के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए कैबिनेट की एक विशेष समिति नियुक्त की थी.


SBI पाकिस्तान को मुद्रा की आपूर्ति कर रहा था 


एक दिलचस्प तथ्य सामने आया कि भारत का शीर्ष बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) पाकिस्तान को मुद्रा की आपूर्ति कर रहा था और इसने स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की स्थापना तक एक साथ केंद्रीय बैंक के रूप में काम किया.


पाकिस्तान ने मूल रूप से, भारतीय रुपये को अपनी पहली करेंसी के रूप में इस्तेमाल किया और उस पर अंग्रेजी में पाकिस्तान सरकार छपा था और नोट के सफेद क्षेत्र पर उर्दू में हुकूमत-ए-पाकिस्तान छपा था. ये सिलसिला एक साल तक चला जब पाकिस्तान ने भारत के करेंसी को एक साल के लिए इस्तेमाल किया.


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