Pakistan Terrorist Attack: खैबर-पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) में हजारों लोग क्षेत्र में बढ़ती अराजकता और आतंकवाद के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए सड़कों पर उतर आए. लोगों ने कमजोर पुलिस बल को मजबूत बनाने की मांग की है.


द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, प्रदर्शन में लोग सफेद झंडे लिए हुए थे और आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे. पेशावर, बाजौर, डीर अपर, डीर लोअर, बन्नू, डीआई खान और अन्य प्रमुख शहरों में आयोजित विरोध प्रदर्शनों में नागरिक समाज के सदस्य, वकील, राजनीतिक कार्यकर्ता और आम जनता ने भाग लिया.


आतंकी लड़ाई में सबसे आगे रही पुलिस 


द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, लोगों ने कहा कि पुलिस आतंकी लड़ाई में सबसे आगे रही है और उन्हें इस खतरे से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सुरक्षा और उचित उपकरण दिए जाने चाहिए.


रैलियां ऐसे समय में हो रही हैं जब पाकिस्तान आतंकवाद से प्रभावित है, जिसमें ज्यादातर खैबर-पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और पंजाब का शहर मियांवाली और इस्लामाबाद के बाहरी इलाके शामिल हैं. 


पेशावर आतंकी हमले में 101 लोग मारे गए


30 जनवरी को, पेशावर के रेड जोन क्षेत्र में एक मस्जिद में बड़ा विस्फोट हुआ, जहां 300 से 400 लोग, जिसमें ज्यादातर पुलिस अधिकारी थे, नमाज के लिए जुटे थे. आत्मघाती विस्फोट से मस्जिद की दीवार और छत गिर गई जिसमें 101 लोग मारे गए. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि पिछला महीना 2018 के बाद से सबसे घातक रहा, जिसमें 134 लोगों ने अपनी जान गंवाई और देश भर में कम से कम 44 आतंकवादी हमलों में 254 लोग घायल हुए.


शुक्रवार को केपी के शांगला जिले में स्थानीय अधिकार संगठनों द्वारा आयोजित कई रैलियों का आयोजन किया गया. पीटीआई, पीपीपी, अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) और अन्य सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेतृत्व ने रैलियों को संबोधित किया था.


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