Pakistan Sindh Education Affected By Flood: पाकिस्तान (Pakistan) ने पिछले साल 2022 में विनाशकारी बाढ़ का सामना किया था. इसकी वजह से पाकिस्तान को बहुत ही ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ा था. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, बाढ़ के कारण सिंध (Sindh) में लगभग 20,000 पब्लिक स्कूल पूरी तरह के बर्बाद हो गए हैं, जिसके चलते लाखों बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है. 


सिंध में बाढ़ की वजह से प्रांतीय सरकार ने एजुकेशन इमरजेंसी घोषित कर रखी है. पाकिस्तान सरकार ने स्कूल की मरम्मत के संबंध में कुछ आधिकारिक बैठक की थी. इसके बावजूद स्कूलों के पुनर्वास के लिए प्रांतीय या संघीय सरकार की ओर से की गई कोशिशों का कोई नतीजा नहीं आया है.


बेहाल नागरिकों को सरकार ने यूं ही छोड़ा
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने लाखों बाढ़ प्रभावित बेघर और निराश्रित नागरिकों को उनके हालात पर छोड़ दिया है. इन गरीब परिवारों के लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में लगे रहते है. वहीं, पढ़ाई बंद होने की वजह से बच्चों पर मानसिक दबाव बन रहा है. परिजन बच्चों की शिक्षा को पूरा करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं.


रिपोर्ट के मुताबिक, इन बच्चों की स्कूली शिक्षा जल्दी और फिर से शुरू करने की संभावना कम ही दिख रही है. पाकिस्तान की प्रांतीय और संघीय सरकार की ओर से लंबे समय से चली आ रही जलवायु चुनौतियों को दूर करने के लिए शायद ही कोई तत्परता या तैयारी दिखाई देती है.


स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या में दूसरा नंबर
पाकिस्तान में पब्लिक एजुकेशन वो भी खासकर गरीब लोगों के लिए सरकार की प्राथमिकता शायद ही रही हो. यूनिसेफ का मानना है कि पाकिस्तान में स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या के मामले में पूरी दुनिया में दूसरे नंबर पर है.


एक आंकड़े के मुताबिक पाकिस्तान में 5 से 16 साल के 22.8 मिलियन (2 करोड़ 28 लाख) बच्चे है. इनमें से 44 फीसदी बच्चे स्कूली पढ़ाई से वंचित हैं. देश में 50 लाख बच्चे प्राथमिक स्तर के बाद स्कूल छोड़ देते हैं. 10 से 14 साल के 11.4 मिलियन (1 करोड़ 14 लाख) किशोरों को कोई औपचारिक शिक्षा नहीं मिलती है. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, सिंध में सबसे ज्यादा गरीब बच्चे है, जो 52 फीसदी है, उनमें से 58 फीसदी लड़कियां स्कूल नहीं जाती है.


ये भी पढ़ें:CPEC: कंगाल पाकिस्‍तान को अब मिलेगी चाइनीज पॉवर-प्लांट से बिजली, भारतीय सीमा के पास शुरू हुईं 2 यूनिट