Pakistan Political Crisis: पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने कहा है कि अक्टूबर 2022 से पहले आम चुनाव संभव नहीं हैं. चुनाव आयोग का कहना है कि उसे देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सात महीने चाहिए. रेडियो पाकिस्तान ने यह जानकारी दी है.


चुनाव आयोग का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने और उसके बाद संसद को भंग किए जाने के मामले में अपना फैसला भारतीय समयानुसार आज रात आठ बजे सुनाएगा.


अदालत का फैसला न केवल अविश्वास प्रस्ताव के भाग्य का फैसला करेगा बल्कि नेशनल असेंबली को भंग किए जाने और आगामी चुनावों का भी फैसला करेगा. विशेषज्ञों ने कहा कि फैसला अगर इमरान खान के अनुकूल होता है तो दोबारा चुनाव होंगे.


अगर अदालत उपाध्यक्ष के खिलाफ फैसला सुनाती है तो संसद का सत्र फिर से बुलाया जाएगा और खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आएगा.


ऐसे शुरू हुआ राजनीतिक संकट
पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिति 8 मार्च के बाद खराब हो गई है जब विपक्षी दलों द्वारा नेशनल असेंबली सचिवालय में एक अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. अविश्वास प्रस्ताव में आरोप लगाया गया कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की सरकार देश में आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार है.


लेकिन विपक्ष की रणनीति को रविवार को झटका लगा जब नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम खान सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव से सरकार को गिराने की तथाकथित विदेशी साजिश से जुड़े होने का हवाला देते हुए उसे खारिज कर दिया था. कुछ मिनट बाद, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था.


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