पाकिस्तान में इन दिनों राजनीतिक अस्थिरता अपने चरम पर है. पाकिस्तान में होने वाली किसी भी बड़ी राजनीतिक घटना के पीछे हमेशा से ही पाकिस्तानी फौज की भूमिका रही है. इस बार भी पाकिस्तान में जो कुछ हो रहा है उसके पीछे पूरी स्क्रिप्ट फौज की है और वहीं इस फिल्म के निर्माता निर्देशक भी हैं. 


सूत्रों के मुताबिक इसके अगले एपिसोड में इमरान खान और उनके करीबियों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक मुकदमे दर्ज करने की तैयारी है. आपको बता दें पाकिस्तानी फौज के पूर्व और वर्तमान अधिकारियों की अनेक अवैध संपत्तियां यूरोपीय देशों में हैं. लिहाज यह फौजी अधिकारी नहीं चाहते कि पाकिस्तान में कोई भी इंडिपेंडेंट पीएम काम करें.


इमरान के खिलाफ फौज ने ही बनाया था माहौल


यह फौज ही है कि चीन के बाद रूस की यात्रा पर जाने वाले इमरान के खिलाफ फौज ने माहौल बनाया. कहा जाता है कि फौज ही इमरान खान को सत्ता में लेकर आई थी और अब फौज ही उनको हटाना चाहती है. आपको बता दें कि पाकिस्तान के जितने भी सिविल प्रोडक्ट जैसे कि तेल, साबुन और कृषि से लेकर सभी तरह के अन्य निकाय जिसमें फौज के रिटायर्ड अधिकारी तैनात होते हैं. इन सभी का अवैध पैसा यूरोपीय और अमेरिकी देशों में जाता है. 


मिली जानकारी के अनुसार इस समय इमरान खान फौज के गले की फांस बन चुके हैं वह ना तो पाकिस्तान छोड़ना चाहते हैं और ना ही कहीं और जाना चाहते हैं और उनकी इमेज के चलते फौज उन्हें नुकसान भी नहीं पहुंचाना चाहती है. वहीं इमरान खान ने अमेरिका पर जो अटैक किया वह इसीलिए किया था क्योंकि अनेक पूर्व और वर्तमान फौजियों की जायदादा अमेरिका में बताई जाती हैं. 


अमेरिका में लगा है पाकिस्तानी अफसरों का पैसा


पाकिस्तानी अफसरों का का पैसा अमेरिका में ही अनेक जगहों पर लगा हुआ है. अभी तक की योजना के हिसाब से फौज चाहती है कि नया कार्यवाहक प्रधानमंत्री डेढ़ साल तक शासन चलाए तब तक हालात कंट्रोल में आ जाएंगे.वहीं पाकिस्तान में चल रहे सियासी घमासान के बीच गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने इमरान को बड़ा झटका दे दिया है.


संकटग्रस्त प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के कदम की वैधता से संबंधित महत्वपूर्ण मामले पर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने के डिप्टी स्पीकर के फैसले को पलटते हुए उसको गैर संवैधानिक करार दिया है.


नेशनल असेंबली में होगी इमरान के खिलाफ वोटिंग


9 अप्रैल को 10 बजे नेशनल असेंबली में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी. फैसले के बाद कोर्ट के बाहर गो नियाजी, गो के नारे लग रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव में अगर इमरान खान की हार होती है तो विपक्ष नया प्रधानमंत्री चुनने के लिए स्वतंत्र होगा. 


नहीं करना चाहते थे स्थिति का सामना 


वहीं प्रधानमंत्री इमरान इस स्थिति का सामना कभी नहीं करना चाहते थे वह जानते थे कि उनके पास बहुमत नहीं है. दरअसल इमरान खान ने सत्तारूढ़ गठबंधन के एक मुख्य सहयोगी दल एमक्यूएम-पी के विपक्षी खेमे में जाने की घोषणा के साथ ही बहुमत खो दिया था. एमक्यूएम-पी के पास 7 सांसद हैं. इससे पहले सरकार के एक अन्य सहयोगी और पांच सांसद रखने वाले दल बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) ने भी विपक्ष के साथ जाने का ऐलान कर दिया था.


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