पाकिस्तान ने संविधान में 27वां संशोधन करके रक्षाबलों के प्रमुख (CDF) का एक नया पद बनाया है, जिस पर पाक सेना प्रमुख आसिम मुनीर की नियुक्ति होनी है. इस पद पर नियुक्ति के बाद आसिम मुनीर संभवतः पाकिस्तान के इतिहास में सबसे ताकतवर सेना प्रमुख बन जाएंगे, लेकिन मुनीर के CDF के तौर पर नियुक्ति की अधिसूचना अभी तक जारी नहीं हुई है. इससे एक नया विवाद खड़ा होता दिखाई दे रहा है.

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इस विवाद के एक छोर पर पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर हैं तो दूसरे छोर पर देश के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ हैं, जो इस वक्त विदेश की यात्रा पर हैं. ऐसे में एक्सपर्ट का कहना है कि पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ जानबूझकर इस मामले को नजरअंदाज कर रहे हैं और दूसरे देशों की यात्रा कर रहे हैं, ताकि CDF की नियुक्ति की लिए अधिसूचना जारी होने के समय वे मौजूद न हों.

अधिसूचना जारी नहीं करना चाहते शरीफ- देवाशेर

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लेखक और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) के सदस्य तिलक देवाशेर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, “पीएम शहबाज शरीफ पहले बहरीन की यात्रा पर रवाना हो गए और वहां से वे आगे लंदन पहुंच गए, इससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह सीडीएफ नियुक्ति की अधिसूचना जारी करने से बचने के लिए जानबूझकर दूर रह रहे हैं. इससे यह साफ होता है कि वे आसिम मुनीर को सेना प्रमुख और रक्षाबलों के प्रमुख (सीडीएफ) के तौर पर पांच सालों के लिए नियुक्ति करने वाली अधिसूचना जारी नहीं करना चाहते हैं.” उन्होंने कहा, “शरीफ को लगता है कि CDF की नियुक्ति की अधिसूचना को नजरअंदाज करके या उस पर साइन न करके वह इसके नतीजों से बच सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होगा.”

पाकिस्तान के पास इस वक्त नहीं है सेना प्रमुख- देवाशेर

देवाशेर ने कहा, “पाकिस्तान इस वक्त बेहद खराब हालत में हैं, क्योंकि इस वक्त पाकिस्तान के पास सेना प्रमुख नहीं है और यहां तक की न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी भी नेतृत्वविहीन है, क्योंकि आसिम मुनीर का सेना प्रमुख के तौर पर तीन साल का कार्यकाल खत्म हो चुका है और CDF पद पर 29 नवंबर, 2025 से पहले होने वाली उनकी नियुक्ति के लिए अभी तक अधिसूचना जारी नहीं हुई है.”

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