Pakistan Petrol Crisis: पाकिस्तान के हालात लगातार बिगड़ रहे हैं. महंगाई चरम पर है. सरकारी खजाने में इतने पैसे नहीं है कि वो अपनी आवाम को बुनियादी जरूरत मुहैया करा सके. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान लेटर्स ऑफ क्रेडिट (LCs) क्लियर नहीं कर रहे हैं. इन सबके बीच अब तेल कंपनियों की एडवाइजरी काउंसिल ने देश में तेल संकट को लेकर चेताया है.


पड़ोसी मुल्क पाक में एक बार फिर पेट्रोल की कमी की आशंका है. यहां तक की इस मुद्दे की संवेदनशीलता को देखते हुए ऑयल कंपनी एडवाइजरी काउंसिल (OCAC ) ने सरकार को भी इसे लेकर पत्र लिखा है. 


ओसीएसी के पत्र में कहा गया है कि समय पर एलसी नहीं खुलने से देश में पेट्रोल संकट का डर है. वित्त मंत्री और पेट्रोलियम मंत्री को समय पर एलसी सुनिश्चित करने में भूमिका निभानी चाहिए. बैंकों की तरफ से एलसी नहीं क्लियर किए जाने के कारण कुछ तेल कार्गो को रद्द कर दिया गया है और एलसी के नहीं खुलने से तेल की आपूर्ति में बाधा आ रही है, जिसे तुरंत हटाया जाना चाहिए.


पाकिस्तान में कितना तेल होता है इंपोर्ट?


पाकिस्तान की जरूरत पूरा करने के लिए एक अरब तीस मिलियन डॉलर का तेल इंपोर्ट किया जाता है. देश में हर महीने 430,000 मीट्रिक टन गैसोलीन और 2 मिलियन मीट्रिक टन डीजल का आयात किया जाता है. इसमें 6 से 8 सप्ताह का समय लगेगा. हालांकि, दूसरी तरफ ओजीआरए के प्रवक्ता ने इस खबर का खंडन करते हुए कहा कि देश में पेट्रोल और डीजल का पर्याप्त भंडार है. 


पाकिस्तान में महंगाई तोड़ रही रिकॉर्ड


पाकिस्तान में खाने-पीने की चीजों में पिछले एक साल में रिकॉर्ड 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. लोग यहां आटे की कमी से परेशान हैं. महंगाई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सरसों तेल का 374.6 प्रति लीटर से 532.5 रुपये, दूध की कीमत 114.8 प्रति लीटर से 149.7 रुपये प्रति लीटर पर जा चुकी है. लोगों घंटों लाइन में लगकर सामान लेने के लिए मजबूर हैं. यहां तक की राशन के लिए लोगों की आपस में लड़ाई हो रही है. 


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