पाकिस्तान में अक्सर नेता अपने भाषणों में ईमानदारी और इंसाफ की बातें करते हैं, लेकिन जब बात असल परीक्षा की आई तो सांसदों की हरकतों ने कुछ और ही कहानी बयां कर दी. नेशनल असेंबली के भीतर हुआ एक छोटा-सा वाकया अब सोशल मीडिया पर बड़ी चर्चा का कारण बन गया है. संसद के स्पीकर अयाज सादिक को सदन के फर्श पर कुछ नोट मिले और उन्होंने सोचा कि उसकी पहचान पूछ लें, लेकिन जो नजारा सामने आया उसने वहां बैठे कई नेताओं की ईमानदारी पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया.
घटना सोमवार (8 दिसंबर 2025) के सत्र के दौरान हुई, जब स्पीकर को करीब 16 से 17 हजार रुपये के नोट मिले. उन्होंने सहज रूप से मुस्कुराते हुए नोटों को हवा में लहराया और पूछा कि यह पैसा किसका है. उनका इरादा शायद किसी एक व्यक्ति का हाथ देख लेने का था, लेकिन जैसे ही उन्होंने सवाल किया, देखते ही देखते करीब एक दर्जन सांसदों ने हाथ उठाकर कहा कि यह पैसा उनका है. यह सब इतना अचानक हुआ कि खुद स्पीकर भी हैरान रह गए.
कैसे टूटे ईमानदारी के दावेस्पीकर अयाज सादिक ने जैसे ही नोट ऊपर उठाकर पूछा कि यह किसके हैं, लगभग 12-13 हाथ एक साथ खड़े हो गए. उनके चेहरे पर पहले हैरानी और फिर हंसी नजर आई. उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि जितने लोग दावा कर रहे हैं, उतने पैसे तो हैं ही नहीं. उनका कहना था कि पूरा सदन हाथ उठाता दिख रहा है, जबकि नोटों की संख्या बेहद कम है. इस हल्के-फुल्के लहजे वाले बयान के पीछे असल संदेश यह था कि संसद में बैठे कुछ प्रतिनिधि बिना सोचे-समझे किसी भी मौके पर दावा ठोक देते हैं. यह नजारा कुछ ही मिनटों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
वीडियो को देखकर हजारों पाकिस्तानी नागरिकों ने अपने नेताओं पर तंज कसा. कई लोग लिखने लगे कि यह नजारा किसी कॉमेडी शो से कम नहीं था. सोशल मीडिया पर यह भी कहा गया कि जब आम लोग इस तरह की हरकत करें तो समझ आता है, लेकिन जब जनता द्वारा चुने गए सांसद ही ऐसे व्यवहार करें तो यह देश की छवि के लिए बेहद शर्मनाक है.
असल मालिक कौन निकला और क्यों उड़ा मजाक?स्थानीय मीडिया के अनुसार, यह पैसा इमरान खान की पार्टी पीटीआई के सांसद मुहम्मद इकबाल अफरीदी का था. जांच के बाद नोट उन्हें लौटा दिए गए, लेकिन जिस तरह कई अन्य सांसदों ने भी बिन सोचे-समझे पैसा अपना बता दिया, उसी ने पूरे मामले को हास्यास्पद बना दिया. पाकिस्तानियों ने सोशल मीडिया पर जमकर प्रतिक्रिया दी. लोगों ने लिखा कि इन सांसदों को संसद से बाहर करना चाहिए क्योंकि उन्होंने देश की साख को ठेस पहुंचाई है.
कई लोगों ने मजाक किया कि जो नेता लाखों के वेतन और भत्ते लेते हैं, वे भी कुछ हजार रुपये देखकर खुद पर काबू नहीं रख पाए. एक यूजर ने लिखा कि स्पीकर ने शायद शरीफ परिवार के मिस कॉल्स भी नहीं उठाए होंगे. किसी और ने लिखा कि इस घटना पर हैरान होना वक्त की बर्बादी है, क्योंकि वहां यही उम्मीद की जाती है.
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