Pakistan Most Powerful Missile: मौजूदा समय में राजनीतिक और आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के सामने असमंजस की स्थिति बन गई है. दरअसल, पाकिस्तान में लोग महंगाई से परेशान हैं. लोगों को ऊंचे दामों पर खाने-पीने का सामान खरीदना पड़ रहा है.  पाकिस्तान पर लगातार कर्ज का बोझ बढ़ रहा है. कर्ज से उबरने के लिए शहबाज सरकार अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष से पिछले कई महीनों से कर्ज मांग रही है, लेकिन आईएमएफ ने पाक पर कर्ज देने के बदले लंबी दूरी तक मार करने वाली परमाणु मिसाइलों के निर्माण को बंद करने की मांग कर रहा है.


'हमारे परमाणु हथियार बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे में'
आईएमएफ की अटपटी मांग पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के ट्वीट करके जवाब दिया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "पाकिस्तान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम के बारे में भ्रामक अटकलें दुर्भाग्यपूर्ण हैं. हमारे परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम IAEA ( अंतरराष्‍ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के विधिवत प्रमाणित कड़े, फुल-प्रूफ और बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे में सुरक्षित हैं. हमारा परमाणु कार्यक्रम राष्ट्र की अटूट सहमति का प्रतिनिधित्व करता है और प्रतिरोध के लिए है."






वित्त मंत्री इशाक डार ने दिया था जवाब
इससे पहले पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने लंबी दूरी की परमाणु मिसाइलों के निर्माण को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की नई मांग को 'अनैतिक रवैया' करार दिया था. उन्होंने जोर देकर कहा है कि किसी को भी यह अधिकार नहीं है कि वह देश को यह निर्देश दे कि उसके पास कौन से परमाणु हथियार हो सकते हैं.


मंत्री इशाक डार ने विदेशी राजदूतों के सामने सीनेट के विशेष सत्र में बोलते हुए कहा कि पाकिस्तान के पास अपनी प्रतिरोधक क्षमता है और वह किसी बाहरी संस्था को यह तय करने की अनुमति नहीं देगा कि देश के पास किस तरह की मिसाइलें हो सकती हैं. इशाक डार ने कहा, "किसी को भी पाकिस्तान को यह बताने का कोई अधिकार नहीं है कि उसके पास कितनी रेंज की मिसाइलें हो सकती हैं और उसके पास कौन से परमाणु हथियार हो सकते हैं. हमें अपना खुद का बचाव करना होता है."


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