Pakistan Biggest Disaster: इस साल पाकिस्तान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं. पहले राजनीतिक संकट, फिर आर्थिक संकट और अब बाढ़ का संकट. यहां के लोग लगातार इन समस्याओं से जूझ रहे हैं, पिछले कुछ दिनों से बाढ़ ने पाकिस्तान में भारी तबाही मचाई है. भारी बारिश और बाढ़ की वजह से इस पड़ोसी मुल्क में अब तक 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, 3 करोड़ से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए हैं. 10 लाख से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं.


हालात की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों पाकिस्तान सरकार को राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करनी पड़ी है. आइए विस्तार से जानते हैं बाढ़ किस तरह पहुंचा रहा है नुकसान.


लगातार बढ़ रहा लोगों की मौत का आंकड़ा


पाकिस्तानी न्यूज चैनल जियो न्यूज के मुताबिक, 14 जून 2022 के बाद से हुई बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ आ गई. इससे अब तक करीब 1,033 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें 207 महिलाएं और 348 बच्चे भी शामिल हैं. अभी तक 1500 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं. बात अगर पिछले 24 घंटे की करें तो 119 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 71 लोगों के घायल होने की सूचना है. इस 24 घंटे के आंकड़े में सबसे ज्यादा मौत सिंध प्रांत में हुई है. यहां 76 लोग इस प्रलय का शिकार हुए, जबकि पख्तूनख्वा में 31, बलूचिस्तान में 4 और गिलगित बाल्टिस्तान में 6 लोगों की मौत की सूचना लोकल मीडिया ने दी है. इन सबसे अलग बाढ़ में करीब 5 लाख मवेशियों की भी मौत हुई है.




बाढ़ से अरबों की आर्थिक चोट भी


बाढ़ में सिर्फ जान का ही नहीं, बल्कि आर्थिक नुकसान भी बड़े स्तर पर हो रहा है. पाकिस्तानी समाचारपत्र 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के मुताबिक, इस चालू वित्त वर्ष में पाकिस्तान को बाढ़ से करीब 4 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान पहुंचा है. दरअसल, बाढ़ की वजह से अधिकतर फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. अब पाकिस्तान को 2.6 अरब डॉलर मूल्य का कपास और 90 करोड़ डॉलर मूल्य का गेहूं आयात करना पड़ सकता है. यही नहीं फसल को पहुंचे नुकसान की वजह से पाक को एक अरब डॉलर मूल्य का वस्त्र निर्यात भी गंवाना पड़ सकता है. पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान में इस आपदा से और बुरे हालात हो सकते हैं.


लाखों लोग हो चुके हैं बेघर


जियो न्यूज ने सरकारी सूत्रों से जो खबर दी है, उसके मुताबिक पाकिस्तान में कुल 9 लाख 49 हजार 858 घर आंशिक रूप से या पूरी तरह से तबाह हो गए हैं. करीब 200 दुकानें भी पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं. एनडीएमए के आंकड़े बताते हैं कि बाढ़ से करीब 5,773,063 लोग प्रभावित हुए हैं. प्रभावित इलाकों में 51,275 को रेस्क्यू किया गया है, जबकि 498,442 को राहत शिविरों में पहुंचाया गया. पूरे देश में कम से कम 3,451.5 किलोमीटर सड़कें और 149 पुल तबाह हो चुके हैं. इसके अलावा 6 डैम के टूटने की भी सूचना है.




किस जिले में कितनी तबाही


रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के करीब 110 जिले इस आपदा की चपेट में हैं. इनमें से 72 जिलों को आपदा प्रभावित घोषित किया जा चुका है. सबसे गंभीर हालात सिंध, कराची, पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान प्रांत में बने हुए हैं. यहीं पर सबसे ज्यादा तबाही देखी जा रही है. बात अगर सिंध की करें तो यहां 23 जिले बाढ़ की चपेट में आए हुए हैं और इससे करीब 1.45 करोड़ आबादी प्रभावित है. बलूचिस्तान के 34 जिलों में 91 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. खैबर पख्तूनख्वा में 33 जिलों में बाढ़ ने तबाही मचा रखी है औऱ यहां की करीब 43 लाख आबादी इससे प्रभावित है.


बारिश ने इस बार तोड़े सारे रिकॉर्ड


एनडीएमए के आंकड़ों पर नजर डालें तो पाकिस्तान में 30 साल में औसतन 134 मिमी बारिश हुई है, लेकिन 2022 में अब तक  388.7 मिमी बारिश हो चुकी है. यह पाकिस्तान में होने वाली औसत बारिश से 190.07 प्रतिशत ज्यादा है. बलूचिस्तान और सिंध यहां भी सबसे बुरी स्थिति में हैं. बलूचिस्तान में जहां 30 साल की औसत बारिश की तुलना में इस साल 5 गुना अधिक और सिंध में 30 साल के औसत से 5.7 गुना अधिक बारिश हुई है.


क्या है इतनी तबाही की वजह


पाकिस्तान में इस तबाही का कारण जलवायु परिवर्तन यानी क्लाइमेट चेंज को माना जा रहा है. धरती पर बढ़ते तापमान की वजह से एक तरफ जहां यूरोप पिछले 500 वर्षों में सबसे अधिक गर्मी और सूखे का सामना कर रहा है तो चीन भी हीटवेव से परेशान है. वहां भी कई नदियां सूख चुकी हैं. दूसरी ओर पाकिस्तान पर क्लाइमेट चेंज का दूसरा असर दिख रहा है. यहां सूखे की जगह बारिश ने तबाही मचा रखी है. बताया जा रहा है कि हीटवेव, जंगल में लगातार लगती आग और ग्लैसियर के पिघलने की वजह से इस बार मॉनसून पाकिस्तान में तबाही मचा रहा है. पाकिस्तान मौसम विभाग का अनुमान है कि सितंबर तक और बारिश हो सकती है, स्थित के और भी बुरे होने की आशंका है. 


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