Pakistan Election Results: पाकिस्तान में पूर्व क्रिकेटर और आज की तारीख में पाकिस्तान के सबसे चर्चित नेता इमरान खान पाकिस्तान की सत्ता संभाल सकते हैं. इमरान पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम यानी प्रधानमंत्री बन सकते हैं. पाकिस्तान में कल हुए आम चुनाव के बाद कल शाम से ही लगातार वोटों की गिनती जारी है. 272 में 270 सीटों पर हुए चुनाव में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी सबसे आगे चल रही है. वहीं दूसरे नंबर पर नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन और तीसरे नंबर पर बिलावल भुट्टों की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी है. पाकिस्तान में आम चुनावों के नतीजों की पल-पल की अपडेट के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ के साथ.
पाकिस्तान में आम चुनाव के साथ राज्यों में भी वोट पड़े हैं. पंजाब में मुस्लीम लीग- नवाज़ की पार्टी आगे है. हालांकि उसे इमरान खान की पार्टी से कड़ी टक्कर मिल रही है. सिंध में भुट्टो की पार्टी का जलवा बरकरार है. खैबर पख्तूनख्वा में इमरान की पार्टी जीत रही है, जबकि बलूचिस्तान में पिछली बार की तरह बीएनपी और बीएपी जीत की ओर हैं.
इमरान खान बनेंगे पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री, जानें क्रिकेटर से राजनेता बनने का सफर
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जानें- पाकिस्तान में इमरान खान के पीएम बनने का भारत पर क्या असर पड़ेगा? 10.35 AM: इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ सबसे आगे चल रही है. पीटीआई (इमरान) 119, पीएमएल-एन 61, पीपीपी (बिलावल भुट्टो) 40 पर आगे चल रहे हैं. भारत की तरह पाकिस्तान में भी हर पांच साल बाद चुनाव होते हैं.साल 2013 के चुनाव में नवाज़ शरीफ की पार्टी पीएमएल (एन) को 126, भुट्टो की पार्टी पीपीपी को 34, इमरान की पार्टी पीटीआई को 28 और अन्य को 81 सीटें मिली थीं. नवाज शरीफ ने बहुमत के साथ सरकार बनाई थी.
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य होते हैं, जिनमें से 272 को सीधे तौर पर चुना जाता है. जबकि शेष 60 सीटें महिलाओं और 10 सीटें धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं. आम चुनावों में पांच फीसदी से ज्यादा वोट पाने वाली पार्टियां इन आरक्षित सीटों पर समानुपातिक प्रतिनिधित्व के हिसाब से अपने प्रतिनिधि भेज सकती हैं. कोई पार्टी तभी अकेले दम पर तभी सरकार बना सकती है जब उसे 172 सीटें हासिल हो जाएं.
इमरान खान65 साल के इमरान खान पूर्व क्रिकेटर हैं. इमरान ने पिछले चुनाव के बाद भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन छेड़ा था जिसकी वजह से नवाज को पीएम की कुर्सी गंवानी पड़ी. इमरान को सेना का समर्थन हासिल है. और उन्हें सेना के उम्मीदवार के तौर पर देखा जाता है. कट्टरपंथियों से करीबी और चरमपंथियों से बातचीत की मांग करने के रूप में इमरान जाने जाते हैं.