Pakistan Election 2024: पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए गुरुवार (8 फरवरी) को मतदान होगा. प्रधानमंत्री पद के दावेदारों में तीन नामों की चर्चा सबसे ज्यादा है. इनमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के प्रमुख और पूर्व पीएम नवाज शरीफ, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बिलावल भुट्टो जरदारी और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख और पूर्व पीएम इमरान खान शामिल हैं. 


आमतौर पर पाकिस्तान के राजनेता भारत के लिए जहर उगलते रहे हैं. भारत के साथ कैसे रिश्ते रखे जाएंगे और कैसे निपटा जाएगा, पाकिस्तान की सियासत में यह मु्ख्य मुद्दा होता है.


भारत को लेकर नवाज शरीफ की राय


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नवाज शरीफ फिलहाल चौथी बार प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद लगाए हुए हैं और भारत के साथ संबंधों को सुधारना चाहते हैं. नवाज शरीफ ने अपनी पार्टी के घोषणापत्र में भारत के साथ शांति के संदेश का वादा किया है लेकिन इसके साथ उन्होंने एक शर्त भी रखी है. उन्होंने अपनी शर्त में कहा है कि अगर भारत कश्मीर से हटाए गए अनुच्छेद 370 को वापस लागू कर देगा तो वह भारत के साथ शांति संदेश स्थापित करेंगे.


बिलावल भुट्टो जरदारी का क्या है रुख?


पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी बेनजीर भुट्टो और आसिफ अली जरदारी के बेटे हैं. बेनजीर भु्ट्टो दो बार पाकिस्तान की पीएम चुनी गई थीं और 2007 में उनकी हत्या कर दी गई थी. पिता आसिफ अली जरदारी ने सितंबर 2008 से सितंबर 2013 तक पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया था. 2022 में गठबंधन सरकार में बिलावल विदेश मंत्री बने थे.


पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में मई 2023 में बिलावल ने कश्मीर में भारत के एक पर्यटन सम्मेलन की मेजबानी पर आलोचना की थी. उन्होंने भारत पर जी-20 की अध्यक्षता का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया था. उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर भी आपत्ति जताई थी. एक वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उनकी पार्टी भारत के साथ संबंध सामान्य करना चाहती है लेकिन भारत-कनाडा राजनयिक विवाद के दौरान बिलावल ने जहर उगला था. बिलावल ने 2022 में संयुक्त राष्ट्र में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपशब्द भी कहे थे.


इमरान खान भी हैं दावेदार


पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पद के एक और मुख्य दावेदार पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता इमरान खान माने जा रहे हैं. हालांकि, वह इस साल आम चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. जेल की सजा के कारण उन्हें चुनाव लड़ने से रोक दिया गया है. 2018 में उनकी पार्टी पीटीआई ने आम चुनाव जीता था और वह 2022 में अविश्वास मत के कारण सत्ता से बाहर होने तक वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने रहे थे. 


मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2023 में इमरान खान ने कहा था कि वह भारत के साथ पारस्परिक संबंध चाहते थे. अमेरिका के एक प्रमुख थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल के साथ एक इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा, ''भारत को कश्मीर के लिए किसी प्रकार का रोड मैप देना था और मैं तब पाकिस्तान में नरेंद्र मोदी का स्वागत करने जा रहा था… लेकिन वह कभी साकार नहीं हुआ.


2019 में इमरान खान ने अपने पीएम मोदी से शांति को एक मौका देने के लिए कहा था और आश्वासन दिया था कि वह शब्दों पर कायम रहेंगे, अगर नई दिल्ली पुलवामा हमले पर इस्लामाबाद को कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी प्रदान करती है तो वह तुरंत कार्रवाई करेंगे.


2021 में इमरान खान ने भारत के साथ युद्धविराम समझौते का स्वागत किया था और कहा था कि इस्लामाबाद बातचीत के माध्यम से सभी बाकी मुद्दों को हल करने के लिए आगे बढ़ने के लिए तैयार है.


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