Pakistan Economic Crisis: आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान की कर्ज मांगने की फितरत से आईएमएफ (IMF), वर्ल्ड बैंक जैसी संस्थाएं ही खफा नहीं हैं, बल्कि एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) और सऊदी अरब, यूएई जैसे इस्लामिक मुल्क भी उसे कर्ज नहीं देना चाहते. हाल ही में पता चला था कि पाकिस्तान ADB से कर्ज लेने वाले 40 देशों की सूची में सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाला देश बन गया है, और इसलिए ADB अब उसकी और आर्थिक मदद करना नहीं चाहता.


द न्यूज के मुताबिक, एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने पाकिस्तान में मालिर एक्सप्रेसवे परियोजना से अपना हाथ पीछे खींच लिया है. ADB ने उसे अपनी प्राथमिकता सूची से हटा दिया है.


रिपोर्ट में सामने आया है कि एडवोकेट अबीरा अशफाक को लिखे एक पत्र में ADB ने कहा कि मालिर एक्सप्रेसवे परियोजना अब ADB-सहायता प्राप्त परियोजना नहीं है. 15 अप्रैल 2023 को सिंध पर्यावरण संरक्षण ट्रिब्यूनल में परियोजना के खिलाफ याचिका हारने के बाद यह घटनाक्रम किसानों के लिए जीत के रूप में सामने आया है. 


पाकिस्तानी हुकूमत इस परियोजना के लिए हजारों किसानों की जमीनों का जबरन अधिग्रहण कर रही थी, मगर, अब जबकि एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने इस परियोजना में आर्थिक मदद देने में आनाकानी कर दी है तो माना जा रहा है ​कि अब ये परियोजना पूरी नहीं हो पाएगी.


किसानों ने ADB से की थी शिकायत


द न्यूज की रिपोर्ट में बताया गया है कि मालिर के किसानों ने 22 सितंबर, 2022 को अबीरा की मदद से मालिर एक्सप्रेसवे परियोजना के खिलाफ एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद लोन डोनर ने अक्टूबर में वकील और अन्य लोगों के साथ एक ऑनलाइन मीटिंग की.


उसी महीने, फिलीपींस की एक ADB टीम ने पाकिस्तान की टीम के साथ कराची का दौरा किया था. जहां न्यायाधिकरण में एक्सप्रेसवे के खिलाफ मुकदमा लड़ रहे अधिवक्ता जुबैर अब्रो, शोधकर्ता साद्या सिद्दीकी और स्थानीय निवासी सलमान बलूच से भेंट की. अब यह खबर आई है कि ADB ने इस परियोजना से हाथ खींच लिए हैं.


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