Mumbai Terror Attack: मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद के आवास के बाहर हुए विस्फोट के मामले में गिरफ्तार की गई एक महिला ने अदालत में दावा किया कि उसे हिरासत में लेने के लिए कोई ठोस आधार नहीं है. मामले में आतंकवाद निरोधी विभाग (सीटीडी) और पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है.


सईद के जौहर शहर स्थित आवास के बाहर 23 जून को हुए विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई थी और 20 से अधिक घायल हो गए थे. धमाके में इलाके में कई मकानों, दुकानों और वाहनों को भी नुकसान पहुंचा था. पंजाब सरकार ने विस्फोट में शामिल सभी ‘10 पाकिस्तानी संदिग्धों’ के नेटवर्क का पता लगाने का दावा किया है.


पंजाब पुलिस के एक आधिकारिक सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘‘कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने चार संदिग्धों-पीटर पॉल डेविड, ईद गुल, आयशा बीबी और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. मामले की सुनवाई अभी शुरू नहीं हुई है.’’ आयशा बीबी ने लाहौर उच्च न्यायालय में गिरफ्तारी के बाद याचिका दायर की, जिसमें कहा गया है कि सईद के आवास के बाहर विस्फोट में शामिल कथित आतंकवादियों की ‘सहायक’ होने के आरोप में उन्हें सीटीडी द्वारा गिरफ्तार किया गया है. 


आयशा ने अपनी याचिका में दावा किया,‘‘मेरा गिरफ्तार आतंकियों से कोई संबंध नहीं है. पुलिस के पास मुझे गिरफ्तार करने का कोई ठोस आधार नहीं है.’’ आयशा के वकील फिदा हुसैन ने अदालत को बताया कि उसका विस्फोट से कोई संबंध नहीं है क्योंकि जब यह घटना हुई तब वह जौहर शहर में मौजूद नहीं थी. याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने सीटीडी और पंजाब सरकार को दो हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया.


सईद आतंकी फंडिंग के मामले में कोट लखपत जेल लाहौर में जेल की सजा काट रहा है. सईद (71) को संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी घोषित कर रखा है और उस पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है. आतंकवाद के वित्तपोषण के पांच मामलों में उसे 36 साल की कैद की सजा सुनाई गई है. सभी मामलों में सुनाई गई सजा एक साथ चल रही है.


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