अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा प्लान को लेकर पाकिस्तान को अपने जाल में फंसा लिया है. गाजा शांति योजना (Gaza Peace Plan) को लेकर ट्रंप के 20-सूत्रीय रोडमैप को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से भी मंजूरी मिल चुकी है. इसके तहत गाजा में अलग-अलग देशों के सैनिकों की तैनाती की जाएगी. हाल में पाकिस्तान का सीडीएफ बने आसिम मुनीर के लिए गाजा में सेना भेजना किसी चुनौती से कम नहीं है क्योंकि इससे पड़ोसी मुल्क में विरोध भड़क सकता है.
ट्रंप से मिलने फिर अमेरिका जाएंगे मुनीर: रिपोर्ट
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक गाजा में सेनाओं की तैनाती को लेकर अमेरिका पाकिस्तान पर दवाब डाल रहा है. इसी सिलसिले में आसिम मुनीर आने वाले हफ्तों में डोनाल्ड ट्रंप से मिलने के लिए वाशिंगटन जाने वाले हैं. यह बीते छह महीने में ट्रंप से उनकी तीसरी मुलाकात होगी. बताया जा रहा है यह बैठक गाजा में सेना तैनात करने पर फोकस रहेगा. ट्रंप के गाजा प्लान में मुस्लिम देशों की एक सेना की ओर से युद्धग्रस्त फिलिस्तीनी क्षेत्र में पुनर्निर्माण और आर्थिक सुधार को देखरेख करने का आह्वान किया है.
गाजा में सेना की तैनाती को लेकर डरे हैं कई देश
गाजा में सेना की तैनाती को लेकर कई देश इसलिए डरे हुए हैं, क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि वे जंग में उलझ सकते हैं. हालांकि अमेरिका के दवाब के बाद पाकिस्तान वहां अपनी सेना की तैनाती कर सकता है. जून 2025 में मुनीर को व्हाइट हाउस में डिनर का न्योता मिला था. यह पहली बार था जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख की मेजबानी की थी.
'ट्रंप को नाराज कर सकता पाकिस्तान'
वाशिंगटन में दक्षिण एशिया के वरिष्ठ फेलो माइकल कुगेलमैन ने कहा, "गाजा में सेना की तैनाती में अमेरिका का साथ नहीं देना ट्रंप को नाराज कर सकता है. पाकिस्तान इस समय अमेरिकी निवेश और सुरक्षा सहायता हासिल करने के लिए ट्रंप की कृपा बनाए रखना चाहता है."
पाकिस्तान दुनिया का एकमात्र मुस्लिम देश है, जिसके पास परमाणु हथियार हैं और वर्तमान में वह अफगानिस्तान के साथ जंग में उलझा हुआ है. रक्षा विश्लेषक आयशा सिद्दीका ने रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में कहा, "पाकिस्तान की सैन्य शक्ति का मतलब है कि मुनीर पर अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन करने का दबाव." पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने पिछले महीने कहा था कि इस्लामाबाद शांति रक्षा के लिए सैनिकों का योगदान करने पर विचार कर सकता है, लेकिन हमास को निरस्त्र करना हमारा काम नहीं है.
घरेलू मोर्चे पर पाकिस्तान के लिए चैलेंज
सेना के बयानों के अनुसार, पिछले कुछ हफ्तों में आसिम मुनीर ने इंडोनेशिया, मलेशिया, सऊदी अरब, तुर्किए, जॉर्डन, मिस्र और कतर जैसे देशों के सैन्य अधिकारियों और नेताओं से मुलाकात की है. आयशा सिद्दीका ने बताया कि पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी चिंता ये है कि ट्रंप के गाजा प्लान में मुनीर की सेनाओं की भागीदारी से पाकिस्तान के भीतर इस्लामी पार्टियों का विरोध प्रदर्शन फिर से भड़क सकता है, जो अमेरिका और इजरायल को विरोधी है.