Pakistan Latest News: पाकिस्तान के कराची में अहले सुन्नत वल जमात (एएसडब्ल्यूजे) के एक सदस्य को मौत के घाट उतार दिया गया है. मृतक की पहचान मोहम्मद ताज के रूप में हुई है जिस पर गुलबर्ग में अज्ञात हमलावरों ने अटैक किया. यह अटैक कब और किस तरह हुआ? इस बारे में फिलहाल अधिक जानकारी सामने नहीं आई है. वैसे, यह पहला मौका नहीं है जब इस संगठन के किसी नेता पर हमला किया गया हो. 


दिसंबर 2023 की शुरुआत में कराची में एएसडब्ल्यूजे के स्थानीय नेता बिलाल मुर्शीद (30) पर फायरिंग की गई थी और उस दौरान वह जख्मी हो गए थे. पाक अखबार 'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक, सेक्टर 11-जी के गोधरा इलाके में बाइक सवार हमलावरों ने उन्हें निशाना बनाते हुए गोलियां चलाई थीं. हमले के दौरान उन्हें 5 गोलियां लगी थीं. आनन-फानन उन्हें अब्बासी शहीद अस्पताल ले जाया गया था जहां से नाजुक हालत में उन्हें बाद में लियाकत नेशनल हॉस्पिटल शिफ्ट किया गया. एएसडब्ल्यूजे के प्रवक्ता की ओर से तब दावा किया गया था यह एक किस्म का टारगेट अटैक था. आरोप लगाया गया था कि मौजूदा सरकार शहर में शांति-व्यवस्था बरकरार रखने में विफल साबित हो रही है.   



परवेज मुशर्रफ ने 2002 में लगाया था बैन


'बीबीसी' की रिपोर्ट के अनुसार, एएसडब्ल्यूजे पर सबसे पहले 2002 में पाकिस्तानी नेता जनरल परवेज मुशर्रफ ने बैन लगाया था. अलकायदा का समर्थन करने वाले इस समूह के लोगों को सिपाह-ए-सहाबा (एसएसपी) या फिर सोल्जर्स ऑफ दि कंपैनियंस ऑफ दि प्रोफेट के नाम से जाना जाता है. पहले यह संगठन एसएसपी के नाते रजिस्टर था लेकिन बैन के बाद यह संगठन एएसडब्ल्यूजे के नाम से फिर उभर कर सामने आया. इन लोगों पर हजारों शिया मुस्लिमों की हत्या का आरोप है. हालांकि, समूह के मुखिया की ओर से बैन को ऊटपटांग करार दिया गया था. वैसे, अन्य अल्पसंख्यकों, सिक्योरिटी टारगेट्स और दूतावासों को इस समूह के लोगों की ओर से निशाना बनाया जा चुका है. 


शिया विरोधी नफरत फैलाने का रहा है आरोप


'दि डिप्लोमैट' की खबर की मानें तो अहले सुन्नत वल जमात प्रतिबंधित सांप्रदायिक संगठन है जिस पर दशकों से शिया विरोधी नफरत फैलाने का आरोप रहा है. 1990 के दशक में इस समूह पर हाई प्रोफाइल हमले करने का आरोप लगा था और उस दौरान समूह के लोगों ने शिया स्कॉलर्स, मस्जिदों और सभाओं को निशाना बनाया था.