तुर्किए में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चल रही शांति वार्ता बेनतीजा रही, जिसके बाद पाकिस्तान धमकी पर उतर आया. पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगानिस्तान को धमकी देते हुए 'कब्रिस्तान' करार दिया. आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान जब चाहेता तब तालिबान को टोरा-बोरा की पहाड़ियों में छिपने के लिए धकेल देगा. पाक रक्षामंत्री ने कहा कि भाईचारे वाले देशों की बार-बार अपील पर पाकिस्तान शांति वार्ता के लिए आया था, लेकिन अफगान अधिकारियों की 'घातक बयानबाजी' जारी रही.

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तालिबान को दी गई खुली चेतावनी

ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान को अफगानिस्तान में तालिबान शासन को पूरी तरह हटा देने के लिए अपने हथियारों का पूरा इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. जरूरत पड़ने पर अफगान तालिबान को फिर से हराकर टोरा बोरा भेज दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि यदि पाकिस्तान में किसी भी आतंकी हमले या आत्मघाती विस्फोट में तालिबान का नाम आता है तो उसका 'कड़वा नतीजा' अफगान तालिबान को भुगतना होगा.

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तालिबान ने PAK पर क्या लगाए आरोप?

एक दिन पहले, मंगलवार को पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड मेजर आदिल राजा के साथ बातचीत में अफगान तालिबान सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सलाहकार और हक्कानी नेटवर्क के वरिष्ठ सदस्य कारी सईद खोशती ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर हमला इसलिए किया क्योंकि उस समय अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी भारत में थे. उनके अनुसार पाकिस्तान के कुछ सत्ताधारक दशकों से नहीं चाहते कि अफगानिस्तान भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए.

अफगानिस्तान ने ISI पर आरोप

अफगान अधिकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि तुर्किए में बातचीत के फेल होने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के स्पेशल ऑपरेशंस प्रमुख मेजर जनरल शहाब असलम पर है, जो पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे. अफगानियों का कहना है कि शहाब असलम ने बातचीत के दौरान धमकी भरे लहजे में वार्ता की और ISI अफगान प्रतिनिधियों पर दबाव बना रही थी कि वे पाकिस्तान के आतंकी समूहों को अफगान इलाके में बसाने की शर्तें मान लें और पाकिस्तान को अफगान क्षेत्र में ऑपरेशन की अनुमति दें.