पाकिस्तान में एक महिला का बलात्कार करने और उसका अपहरण करने के आरोप में दोषी पाए जाने पर एक विशेष अदालत ने सोमवार को एक ईसाई व्यक्ति को 22 साल जेल और तीन लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.


लैंगिक हिंसा पर लाहौर की एक विशेष अदालत ने सैम्सन मसीह को अपने मोहल्ले की 25 वर्षीय एक युवती का बलात्कार करने और उसे अगवा करने का दोषी ठहराते हुए 22 साल जेल की सजा सुनाई. पिछले साल पीड़िता के परिवार वालों की शिकायत पर पुलिस ने मसीह के विरुद्ध एक मामला दर्ज किया था.


शिकायत के अनुसार, आरोपी ने पीड़िता के घर के बाहर से उसका अपहरण कर लिया और महीने भर उसे एक अज्ञात स्थान पर ले जाकर उसका यौन शोषण किया. पुलिस ने मसीह के मोबाइल की लोकेशन के जरिये उसका पता लगाया और महिला को बचाया.


अभियोजन पक्ष ने मामले में 10 प्रत्यक्षदर्शियों को पेश किया. न्यायाधीश जमशेद मुबारक ने बलात्कार के लिए 15 साल और अपहरण के लिए सात साल जेल की सजा सुनाई. इसके अलावा तीन लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.


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