मॉस्को: इस्तांबुल में एक दिन पहले रूसी और यूक्रेनी प्रतिनिधियों के बीच हुई शांति वार्ता के बाद क्रेमलिन ने बुधवार को सफलता की उम्मीदों को कम कर दिया. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, "हम यह नहीं कह सकते कि कुछ भी आशाजनक हुआ या कोई सफलता थी." उन्होंने कहा, "अभी बहुत काम किया जाना है."


पेसकोव के मुताबिक मॉस्को ने इसे "सकारात्मक" माना कि कीव ने लिखित रूप में अपनी मांगों को रेखांकित करना शुरू कर दिया था. उन्होंने कहा, "हम ध्यान से उन मामलों पर बयान देने से बचते हैं जिन पर बातचीत होती है क्योंकि हम मानते हैं कि बातचीत चुपचाप होनी चाहिए."


मंगलवार को रूस ने बताया था बातचीत को ‘सार्थक’
क्रेमलिन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब मंगलवार को दोनों पक्षों के बीच हुई बातचीत के बाद समाधान की उम्मीदें काफी बढ़ गई थीं. मास्को के मुख्य वार्ताकार ने बातचीत को "सार्थक" बताया था  और  रूस ने कहा था कि वह यूक्रेन की राजधानी कीव और चेर्निगिव शहर के पास अपनी सैन्य गतिविधि को काफी कम करेगा. हालांकि बुधवार को, यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा कि रूसी सेना ने मॉस्को के दावों के बावजूद उत्तरी शहर चेर्निगिव पर बमबारी की.


40 लाख लोगों ने छोड़ा यूक्रेन
इस बीच संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा है कि रूस के हमले के बाद से अब तक 40 लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं. एजेंसी ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में यह सबसे बड़ा शरणार्थी संकट है. शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त ने एक वेबसाइट पर बुधवार को पोस्ट किया कि अब तक लगभग 40 लाख 10 हजार लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं.  इनमें से 23 लाख लोग पोलैंड में प्रवेश कर चुके हैं. सहायता कर्मियों ने कहा कि यूक्रेन में लगभग 65 लाख लोग बेघर हो गए हैं. बता दें रूस और यूक्रेन के बीच एक महीने से भी ज्यादा समय से युद्ध जारी है. 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी हमले के साथ इस जंग की शुरुआत हुई थी.


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