न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने सोमवार को दिल्ली में उच्चायोग के विपक्षी नेताओं से ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग करने की पुष्टि की. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि इस मिशन में प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए था. वहीं भारतीय युवा कांग्रेस से समर्थन मांगने के लिए उच्चायोग ने ट्विटर के जरिए माफी मांगी थी, जिसके बाद अर्डर्न ने कहा कि उन्होंने माना कि एक मदद मांगी गई थी. साथ ही उन्होंने बताया कि उच्चायोग को मदद मांगने की जगह उन सामान्य प्रोटोकॉल का उपयोग करना चाहिए था. जानकारी के मुताबिक उच्चायोग ने खुद ही अपना मदद मांगने वाला ट्वीट हटा दिया है और स्वीकार किया है कि इस प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए था. वहीं अर्डर्न ने माना है कि भारत सरकार ने महामारी के समय काफी मदद की थी.


उच्चायोग ने डिलीट किया ट्वीट


दिल्ली में न्यूजीलैंड उच्चायोग ने बाद में अपने मदद मांगने वाले ट्वीट को डिलीट कर दिया और कहा कि ये गलती से जारी किया गया था, उन्हें इस गलतफहमी के लिए खेद है. वहीं अर्डर्न ने कहा कि भारत में अपने कर्मचारियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण इनकी प्राथमिकता है. न्यूजीलैंड के विदेश मंत्रालय और व्यापार मंत्रालय ने भी ट्वीट के लिए भारत सरकार से माफी मांगी है.


अफगान राजदूत ने भी किया ट्वीट



अफगान राजदूत फरीद मामुंदजई ने सोमवार को ट्वीट किया कि नई दिल्ली में रहने वाले अफ़गान शरणार्थी भारत में कोविड का शिकार हो रहे हैं. हालांकि उन्होंने किसी भी राजनीतिक दल को टैग नहीं किया. साथ ही कहा कि भारत में चिकित्सा सहायता की बहुत सराहना करनी चाहिए, मैं उन सभी एजेंसियों और व्यक्तियों को उनकी सहायता के लिए धन्यवाद देता हूं, जो पिछले एक सप्ताह में ज्यादातर मरीजों की देखरेख में लगे हैं, हम मिलकर महामारी को दूर करेंगे'.


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