काठमांडू: नेपाल कोरोना वायरस के खिलाफ चीन की तरफ से दान में मिली वैक्सीन का इस्तेमाल करेगा. देश में सात अप्रैल से कोविड-19 टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण शुरू होगा. टीकाकरण अभियान का पहला चरण 10 लाख खुराकों के साथ जनवरी में शुरू हुआ था. उसके लिए भारत ने ‘पड़ोसी पहले’ नीति के अनुरूप अनुदान सहायता के तहत ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन मुहैया कराई थी. स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. जोगेश्वर गौतम ने बताया कि दूसरा चरण बुधवार से शुरू होगा.


नेपाल में 7 अप्रैल से होगा टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण शुरू


चीन निर्मित कोविड-19 वैक्सीन वेरो सेल की 8 लाख खुराक की प्राथमिकता ग्रुप में अग्रिम मोर्चे के कर्मी शामिल होंगे. उसके अलावा, पर्वतीय क्षेत्र में हिमालय पार की व्यापार गतिविधियों से जुड़े कर्मियों को डोज लगाया जाएगा. उन्होंने कहा छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत चीन में पढ़ रहे नेपाली विद्यार्थियों और आगे पढ़ाई के लिए चीन जाने की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को भी चीनी वैक्सीन का डोज दिया जाएगा.


चीन से दान में मिली कोविड-19 वैक्सीन का इस्तेमाल करेगा नेपाल 


उन्होंने बताया, “टीकाकरण के लिए लक्षित कुल 9 लाख लोगों में से करीब 5 लाख लोगों को पहले ही कोविड-19 का टीकाकरण किया जा चुका है. चीन की ओर से दान की गईं ये 8 लाख खुराकें लक्षित समूह के शेष बचे 4 लाख लोगों को दी जाएंगी.” नेपाल में चीन के राजदूत होउ यांकी ने 29 मार्च को काठमांडू में आयोजित विशेष कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्री ह्रदयेश त्रिपाठी को कोविड-19 वैक्सीन सौंपी.


नेपाल ने चीन के बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स निर्मित इस साल 18 फरवरी को कोविड-19 वैक्सीन वेरो सेल के प्रयोग को सशर्त आपात स्वीकृति दी है. अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक नेपाल में कोरोना वायरस के 2 लाख 77 हजार 944 मामले हैं और कोविड-19 बीमारी से 3 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.


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