नेपाल में हाल ही में हुए जेन-जी आंदोलन के दौरान संपत्ति को भारी नुकसान हुआ. इसकी वजह से नेपाल के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बीमा क्लेम दर्ज किया गया है. इन दावों की कुल राशि लगभग 21 अरब नेपाली रुपए तक पहुंच गई है. नेपाल इंश्योरेंस अथॉरिटी (जो बीमा क्षेत्र का नियामक है) की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, नॉन-लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों को 16 सितंबर तक बीमाधारक व्यक्तियों से 1,984 क्लेम प्राप्त हुए हैं, जिनकी कुल राशि 20.7 अरब नेपाली रुपए है.

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बताया जाता है कि नुकसान का आकलन जारी है, इसलिए क्लेम और बढ़ने की उम्मीद है. अब तक इंश्योरेंस कंपनियों को जो क्लेम मिले हैं, वे 2015 के भूकंप के दौरान मिले क्लेम से ज्यादा हैं, जब क्लेम 16.5 बिलियन एनपीआर तक पहुंच गए थे. नियामक के अनुसार, नेपाल ने 2020 में कोविड-19 के खतरे को कवर करने के लिए एक इंश्योरेंस स्कीम भी शुरू की थी और इंश्योरेंस कंपनियों को 16 अरब एनपीआर से ज्यादा के क्लेम मिले थे.

इस कंपनी पर 5.14 अरब नेपाली रुपए के क्लेम

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भारतीय ओरिएंटल इंश्योरेंस की शाखा, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को 16 सितंबर तक सबसे अधिक क्लेम राशि मिली है. यह जानकारी संबंधित प्राधिकरण से जारी आंकड़ों से मिली है. इस कंपनी को अकेले 40 मामलों में 5.14 अरब नेपाली रुपए के दावे मिले हैं. बताया जाता है कि इनमें से ज्यादातर दावे होटल हिल्टन काठमांडू से आए हैं, जिसे विरोध-प्रदर्शनों के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था.

किन पांच कंपनियों पर सबसे ज्यादा ठोका गया क्लेम

दावों की सबसे अधिक राशि प्राप्त करने के मामले में सिद्धार्थ प्रीमियर इंश्योरेंस, शिखर इंश्योरेंस, आईजीआई प्रूडेंशियल इंश्योरेंस और सागरमाथा लुम्बिनी भी शीर्ष पांच कंपनियों में शामिल हैं. नेपाल इंडस्ट्रीज कॉन्फेडरेशन (सीएनआई) के एक अधिकारी के अनुसार, कुछ प्रमुख व्यावसायिक कंपनियों ने अकेले ही 60 अरब नेपाली रुपए से अधिक के नुकसान की सूचना दी है. सीएनआई एक व्यापार संगठन है, जो निजी क्षेत्र की संपत्तियों को हुए नुकसान की जानकारी एकत्र कर रहा है.