पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए हालिया रक्षा समझौते ने भारत के रणनीतिक हलकों में नई चर्चाएं शुरू कर दी हैं. सवाल यह है कि यदि भविष्य में भारत और पाकिस्तान आमने-सामने आते हैं, तो क्या सऊदी अरब खुलकर पाकिस्तान का साथ देगा और क्या दोनों देश मिलकर भारत को चुनौती दे पाएंगे?
सैन्य ताकत में कौन आगे?
- ग्लोबल फायर पॉवर की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के पास करीब 15 लाख सैनिक हैं, जबकि पाकिस्तान और सऊदी की संयुक्त सेना करीब 9 लाख है.
- भारत का रक्षा बजट 79 अरब डॉलर है. पाकिस्तान-सऊदी का संयुक्त बजट थोड़ा अधिक यानी 90 अरब डॉलर है, लेकिन भारत की घरेलू उत्पादन क्षमता और लॉजिस्टिक सपोर्ट उसे बढ़त देते हैं.
- वायुसेना में भारत के पास 2200 विमान और 513 फाइटर जेट्स हैं, जबकि पाकिस्तान और सऊदी के पास मिलकर 1700 से कम विमान और 422 फाइटर जेट्स हैं.
- नौसेना में भारत के पास 18 सबमरीन और 2 एयरक्राफ्ट कैरियर हैं. पाकिस्तान और सऊदी मिलकर सिर्फ 8 सबमरीन रखते हैं और कोई एयरक्राफ्ट कैरियर उनके पास नहीं है.
- मिसाइल और परमाणु शक्ति के मामले में भारत के पास अग्नि-5 (5200 किमी रेंज) और 172 परमाणु हथियार हैं. पाकिस्तान के पास शाहीन-3 (2750 किमी रेंज) और 170 परमाणु हथियार हैं, लेकिन समुद्र से परमाणु हथियार दागने की क्षमता नहीं है.
इतिहास गवाह है कि सऊदी अरब ने पाकिस्तान को आर्थिक और तेल सहायता तो दी, लेकिन कभी प्रत्यक्ष सैन्य हस्तक्षेप नहीं किया. 1965 और 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को वित्तीय मदद और मुफ्त तेल मिला. 1999 कारगिल युद्ध में सऊदी अरब ने न्यूट्रल रुख अपनाया. 2025 में भारत-सऊदी रिश्ते बेहतर हुए और 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान उसने मध्यस्थता भी की.
मौजूदा परिस्थिति और सऊदी की दुविधा
भारत आज सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. भारत अपनी 18% तेल जरूरतें सऊदी से पूरी करता है, जिसकी कीमत 40 अरब डॉलर से अधिक है. पाकिस्तान के साथ उसका व्यापार सिर्फ 5 अरब डॉलर तक सीमित है. पाकिस्तान बार-बार कर्ज और रियायती तेल की मांग कर सऊदी को असहज करता रहा है.
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