Kuwait Dissolved Parliament: खाड़ी देश कुवैत में इस समय राजनीतिक संकट गहरा गया है. तेल के पैसे से मालामाल खाड़ी देश कुवैत के नए अमीर शेख मिशाल ने देश की संसद को भंग कर दिया है. शुक्रवार को अमीर ने एक सरकारी टीवी पर संबोधन के दौरान संसद को भंग करने की घोषणा की. इसके अलावा उन्होंने संविधान के कुछ अनुच्छेदों को भी निलंबित कर दिया है. बताया जा रहा है कि अनुच्छेदों पर यह निलबंन चार साल से अधिक नहीं होगा. 


अमीर शेख ने सरकारी टीवी पर बताया कि इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा. टीवी के मुताबिक, इस निलंबन के दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर शेख और देश की कैबिनेट के पास होंगी. 83 साल के अमीर ने कहा कि 'कुवैत इस समय कठिन दौर से गुजर रहा है, ऐसे में देश को बचाने और अपने उच्चतम हितों को सुरक्षित करने के लिए कठिन फैसले लेने में देरी की कोई जगह नहीं है.' 


कुवैत में भ्रष्टाचार की समस्या
अमीर ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में राज्य के अधिकांश विभागों में भ्रष्टाचार की वजह से कुवैत का माहौल खराब हुआ है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से भ्रष्टाचार आर्थिक और सुरक्षा संस्थानों तक पहुंच गया है. अमीर ने न्याय प्रणाली में भी भ्रष्टाचार होने की बात कही है. कुवैती अमीर ने कहा 'मैं देश को बर्बाद करने के लिए लोकतंत्र के गलत इस्तेमाल की अनुमति कभी नहीं दूंगा, क्योंकि कुवैत के लोगों का हित सबसे ऊपर है.' कुवैत ने लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक गतिरोध को कम करने के लिए इसी साल अप्रैल महीने में चुनाव कराया था, जो पिछले कुछ वर्षों में चौथा चुनाव था.


दरअसल, कुवैत में भी अरब देशों जैसी शेख वाली राजशाही व्यवस्था है, लेकिन यहां कि विधायिका पड़ोसी देशों के मुकाबले ज्यादा मजबूत है. पिछले कई सालों से कुवैत घरेलू राजनीतिक विवाद में फंसा है. ऐसी स्थिति में देश की शेख शाही व्यवस्था कर्ज नहीं ले पा रही है. तेल भंडार से अपार धन कमाने के बावजूद कुवैत के खजाने में पैसा नहीं है, ऐसे में कुवैत सरकारी कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रहा है.  


यह भी पढ़ेंः क्यों कई दशकों तक भारत से दूर रहा अमेरिका? US के राजदूत एरिक गार्सेटी ने किया खुलासा