India Maldives Relations: मालदीव की सरकार ने औपचारिक रूप से भारत सरकार से उस घटना का 'व्यापक विवरण' प्रदान करने का अनुरोध किया है जिसमें भारतीय तटरक्षक बल के कर्मी कथित तौर पर द्वीपीय देश के आर्थिक क्षेत्र के भीतर संचालित 3 मछली पकड़ने वाले जहाजों पर चढ़ गए थे.


यह घटनाक्रम दोनों देशों के बीच उस कूटनीतिक विवाद में ताजा है जिसके कारण राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पिछले साल नवंबर में मालदीव में सत्ता में आने के बाद द्विपक्षीय संबंधों में तनाव पैदा हो गया था. मुइज्जू को व्यापक रूप से चीन समर्थक नेता के रूप में देखा जाता है. मालदीव के आरोपों पर भारत सरकार की तरफ से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. 


मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार (2 फरवरी) को एक बयान में दावा किया कि 31 जनवरी को भारतीय सेना ने मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के भीतर मछली पकड़ने की गतिविधियों में लगी मालदीव की एक मछली पकड़ने वाली नौका को रोक लिया जोकि धिद्धो, हा अलीफू एटोल से 72 समुद्री मील उत्तर पूर्व में स्थित है. 


भारत पर लगाया अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून उल्लंघन का आरोप    


बयान में कहा गया है कि भारतीय सैनिक संबंधित अधिकारियों से पूर्व परामर्श के बिना मालदीव के ईईजेड के भीतर मछली पकड़ने वाली 3 नौकाओं पर सवार हो गए, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानूनों और नियमों का उल्लंघन हुआ.   


इसमें कहा गया, ''परिणामस्वरूप, मालदीव सरकार ने विदेश मंत्रालय के माध्यम से एक आधिकारिक पहल की है जिसमें भारत सरकार से घटना की ड‍िटेल र‍िपोर्ट मांगी गई है.''   


बयान में कहा गया है कि भारतीय तटरक्षक जहाज 246 और भारतीय तटरक्षक जहाज 253 की बोर्डिंग टीम मछली पकड़ने वाली नौकाओं पर सवार लोगों से पूछताछ के लिए जिम्मेदार थीं. 


भारत-मालदीव कोर ग्रुप की हो चुकीं दो बैठकें  


उधर, मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी को लेकर दोनों देशों के बीच गठ‍ित भारत-मालदीव कोर ग्रुप की दो बैठकें हो चुकी हैं. नई दिल्ली में शुक्रवार (2 फरवरी) को कोर ग्रुप की दूसरी बैठक हुई. इस दौरान लंबी चर्चा के बाद बैठक में सहमति बनी कि भारत, मालदीव में तैनात सैनिकों की जगह असैनिक समूह को तैनात करेगा.  
 
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