Malaysia: मलेशिया की संसद ने सोमवार को अनिवार्य मृत्युदंड को खत्म करने और कुछ अपराधों के लिए अनिवार्य मौत की सजा को हटाने के लिए कानूनी सुधारों को मंजूरी दे दी है. गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से इस मुद्दे को लेकर चर्चा चल रही थी. अनुमान लगाया जा रहा था कि जल्द ही संसद में इस मुद्दे पर नया प्रस्ताव पास किया जाएगा .


मलेशिया की संसद में पारित किए गए व्यापक कानूनी सुधारों में मौत की सजा वाले अपराधों की संख्या में भी कटौती की गई है. साथ ही न्यायाधीशों को अलग-अलग अपराध के हिसाब से वैकल्पिक सजा सुनाने की अनुमति देने पर सहमति दी गई है. हालांकि अभी ये कानून मलेशिया की संसद के निचले सदन पारित किए गए हैं. 


1341 कैदियों को होनी है मौत की सजा 


सोमवार को पारित संशोधनों के तहत, मौत की सजा के विकल्पों में कोड़े मारना और 30 से 40 साल के बीच कारावास शामिल है. बता दें कि मलेशिया में मौत की सजा पाने वाले 1341 कैदी हैं. नए कानून के मुताबिक 90 दिनों के भीतर इनकी सजा की समीक्षा की जाएगी. आजीवन कारावास की सजा, जो कि मलेशियाई कानून के अनुसार 30 वर्ष निर्धारित है, वे बरकरार रहेगी. 


कानूनी सुधार के बाद कुछ गंभीर अपराधों के विकल्प के रूप में मौत की सजा को भी हटा दिया जाएगा, जैसे मादक पदार्थों की तस्करी, हत्या और आतंकवाद सहित 11 गंभीर मामलों में दोषी पाए जाने पर पहले मौत की सजा सुनाई जाती थी लेकिन अब इन पर रोक लग जाएगी. हालांकि न्यायाधीशों ने असाधारण मामलों में मृत्युदंड देने का विवेकाधिकार बरकरार रखा है. 


उप कानून मंत्री ने क्या कहा 


उप कानून मंत्री रामकरपाल सिंह ने कहा कि मृत्युदंड एक अपरिवर्तनीय सजा है जो अपराध के लिए एक प्रभावी निवारक नहीं रही है. बिल पर संसदीय बहस को खत्म करते हुए उन्होंने कहा कि मौत की सजा के नतीजे के कुछ भी फायदे देखने को नहीं मिले हैं. मलेशिया का यह कदम ऐसे समय में आया है जब कुछ दक्षिण पूर्व एशियाई देशों ने मृत्युदंड के अपने उपयोग को बढ़ा दिया है. 


53 देशों में है मौत की सजा सुनाने का प्रावधान 


बताते चलें कि मलेशिया में अभी मृत्युदंड की सजा सुनाई जाती है. मलेशिया की तरह दुनिया भर में कुल 53 देश हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मलेशिया में 1992 और 2018 के बीच करीब 1,318 कैदियों को फांसी दी जा चुकी है.


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