वॉशिंगटन: अमेरिका में अफ्रीकी मूल के नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन बढ़ता ही जा रहा है. अमेरिका के कई हिस्सों में नस्लभेद के खिलाफ लोग हफ्तेभर से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. अब बुधवार को ये प्रदर्शनकारी वॉशिंगटन डीसी में स्थित भारतीय दूतावास तक भी पहुंच गए. 'ब्लैक लाइव्स मैटर्स' के अनियंत्रित प्रदर्शनकारियों ने भारतीय दूतावास के बाहर स्थित महात्मा गांधी की मूर्ति को नुकसान पहुंचाया है. एएनआई ने सूत्रों से बताया है कि यूनाइटेड स्टेट्स पार्क पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है.


कर्फ्यू के बीच भी जार्ज फ्लॉयड की हत्या को लेकर जारी है विरोध-प्रदर्शन
अमेरिका में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर कई शहरों में कर्फ्यू लगा हुआ है. कर्फ्यू के बीच भी जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रहे. कर्फ्यू को रात में होने वाली हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए लागू किया गया है.


राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में पुलिस हिरासत में एक अश्वेत व्यक्ति की मौत पर बढ़ती अशांति को खत्म करने के लिए अब सेना भेजने को लेकर चेतावनी दी है. ट्रंप ने कहा, "प्रदर्शनकारियों को रोकने और अपने निवासियों को बचाने में यदि शहर और राज्य विफल रहते हैं, तो परेशानियों को तुरंत खत्म करने के लिए सेना की तैनाती की जाएगी."


कैसे हुई जॉर्ज फ्लॉयड की मौत
26 मई को अमेरिका के मिनेपोलिस शहर में जॉर्ज फ्लॉयड नाम के शख्स को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था. एक पुलिस अफसर ने सड़क पर अपने घुटने से फ्लॉयड की गर्दन को करीब आठ मिनट तक दबाए रखा. जॉर्ज लगातार पुलिस अफसर से घुटना हटाने की गुहार लगाते रहे लेकिन पुलिस ऑफिसर ने दया नहीं दिखाई. धीरे-धीरे फ्लॉयड की हरकत बंद हो गई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई.


पुलिस हिरासत में मरने वाले जॉर्ज फ़्लॉयड का वीडियो वायरल हो गया. इस वायरल वीडियो में दिख रहा है कि पुलिसकर्मी डेरेक शैविन ने घुटना टेककर उनकी गर्दन दबाए रखी. जॉर्ज उस पुलिसकर्मी से लगातार कहते रहे कि 'उन्हें सांस नहीं आ रही है.' लेकिन डेरेक ने उन्हें नहीं छोड़ा. वीडियो में दिखाई दे रहा था कि जॉर्ज ने गिरफ्तारी के समय किसी तरह का विरोध नहीं किया था.


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