कुवैत, जो कभी सिर्फ तेल और ऊर्जा के लिए जाना जाता था. अब तेजी से एक आधुनिक व्यवसायिक और औद्योगिक केंद्र के रूप में उभर रहा है. हाल में LinkedIn की एक रिपोर्ट ने यह साफ़ किया है कि यहां विदेशी पेशेवरों की मांग बहुत बढ़ गई है. खासकर ऐसे लोगों की जिनके पास बिजनेस, इंजीनियरिंग, शिक्षा और डिजिटल स्किल्स हैं. सरकार का न्यू कुवैत 2035 विजन इस बदलाव की सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है.
कुवैत सरकार ने देश को तेल पर निर्भरता से आगे बढ़ाकर एक स्थायी और विविध अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है. इस विज़न के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर, आईटी, शिक्षा और निजी निवेश पर ज़ोर दिया जा रहा है. इसी कारण अब कुवैत में न केवल तेल उद्योग, बल्कि कॉर्पोरेट, टेक्नोलॉजी, और शिक्षा के क्षेत्र में भी नए अवसर पैदा हो रहे हैं.
कुवैत में बढ़ती नौकरियां
कुवैत में अब हर क्षेत्र में विदेशी पेशेवरों की मांग देखी जा रही है. सबसे पहले बात करें बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की. यहां कंपनियां नए ऑफिस खोल रही हैं और उन्हें प्रबंधन में दक्ष लोगों की जरूरत है. ऐसे विशेषज्ञों को औसतन 400 कुवैती दिनार (लगभग ₹1.09 लाख) का वेतन मिल रहा है.
- रिटेल सेक्टर: रिटेल सेक्टर की बात करें तो मॉल मैनेजर अब एक लोकप्रिय पद बन चुका है. कुवैत और पड़ोसी देशों में शॉपिंग सेंटरों की संख्या बढ़ने से इस क्षेत्र में तेज़ी आई है. इनकी आमदनी करीब 500 दिनार (₹1.36 लाख) तक होती है.
- शिक्षा क्षेत्र: शिक्षा क्षेत्र में भी विदेशी शिक्षकों के लिए नए अवसर खुले हैं. खासकर अंग्रेजी शिक्षक की मांग बढ़ी है, जिनका औसत वेतन 300 से 350 दिनार (₹95,000) तक है.
- इंजीनियरिंग सेक्टर: इंजीनियरिंग सेक्टर की बात करें तो यह सबसे ज़्यादा भुगतान वाला क्षेत्र है. सिविल, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरों की ज़रूरत लगातार बनी हुई है. इन पेशेवरों को 600 से 750 दिनार (₹1.63 से ₹2.04 लाख) तक वेतन मिलता है.
- अन्य नौकरी: इसके अलावा ग्राफिक डिजाइनर, एचआर विशेषज्ञ, फैक्ट्री सुपरवाइजर और सेल्स रिप्रेजेंटेटिव जैसे पेशों की भी मांग लगातार बढ़ रही है. डिजिटल और औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार के साथ ये नौकरियां स्थायी और आकर्षक दोनों बनती जा रही हैं.
विदेशी निवेश और नई अर्थव्यवस्था का प्रभाव
कुवैत में रोजगार के अवसरों में यह तेज़ी अचानक नहीं आई. इसके पीछे कई वजहें हैं विदेशी निवेश को बढ़ावा देने वाली नीतियां, निजी क्षेत्र का विस्तार और कुवैत विज़न 2035 के तहत नई औद्योगिक योजनाएं शामिल है. सरकार का लक्ष्य यह है कि देश का हर क्षेत्र शिक्षा से लेकर निर्माण और डिजिटल सेवाओं तक आत्मनिर्भर बने और स्थानीय युवाओं के साथ-साथ विदेशी विशेषज्ञों को भी समान अवसर मिले.
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