कनाडा के ओंटारियो में पिछले हफ्ते खालिस्तानी समर्थक इंदरजीत सिंह गोसाल (36 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया था. उस पर हथियार रखने और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने जैसे गंभीर आरोप लगे थे. हालांकि, हैरानी की बात यह रही कि सिर्फ एक हफ्ते के भीतर ही अदालत ने उसे जमानत दे दी. भारतीय समुदाय के लिए उसकी गिरफ्तारी राहत की खबर थी, लेकिन जमानत पर तत्काल रिहाई ने कनाडा सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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गोसाल को 'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ) आतंकी संगठन का सक्रिय सदस्य माना जाता है. हरदीप सिंह निज्जर की हत्या (जून 2023) के बाद वह SFJ का कनाडा में प्रमुख आयोजक बन गया था. इस बीच  जेल से बाहर आते ही गोसाल ने भारत विरोधी बयानबाज़ी शुरू कर दी. उसने खुलेआम यह धमकी दी कि वह दिल्ली को खालिस्तान में बदल देगा. इसके साथ ही SFJ प्रमुख और वैश्विक आतंकी घोषित गुरपतवंत सिंह पन्नू का भी एक नया धमकी भरा वीडियो सामने आया है. पन्नू ने इस वीडियो में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल को निशाना बनाते हुए गंभीर चेतावनी दी.

कनाडा सरकार पर उठते सवालगोसाल की गिरफ्तारी और रिहाई ने यह सवाल खड़े किए हैं कि आखिर कनाडा खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई क्यों नहीं करता. खालिस्तानी खुलेआम भारत विरोधी रैलियां और प्रचार करते हैं. गिरफ्तारियों के बावजूद उन्हें जल्दी जमानत मिल जाती है. भारत विरोधी बयानबाज़ी पर रोक लगाने के बजाय उन्हें फ्री स्पीच के नाम पर संरक्षण मिलता है. यह स्थिति भारत-कनाडा संबंधों को और अधिक तनावपूर्ण बनाती है. भारत पहले ही कनाडा से SFJ और उसके नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर चुका है.

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SFJ और गुरपतवंत सिंह पन्नू की भूमिकासिख फॉर जस्टिस (SFJ) एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन है. इसके नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू को भारत सरकार ने वैश्विक आतंकी घोषित कर रखा है. पन्नू लगातार भारत विरोधी बयान देता है और सोशल मीडिया व वीडियो संदेशों के जरिए धमकियां फैलाता है. इंदरजीत सिंह गोसाल, पन्नू का करीबी माना जाता है और हाल ही में SFJ के कनाडा में मुख्य आयोजकों में शामिल हुआ है.

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