USA News: डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने व्हाइट हाउस में दुनिया की शीर्ष न्यूज एजेंसियों एपी, रॉयटर्स समेत कई संस्थानों की एंट्री पर रोक लगा दी है. राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार (26 फरवरी) को कैबिनेट मीटिंग की थी. इस दौरान इन एजेंसियों के रिपोर्टरों को एंट्री नहीं मिली थी. इस मीटिंग को कवर करने पहुंचे एपी के फोटोग्राफर, रॉयटर्स के तीन रिपोर्टरों को अंदर जाने का मौका नहीं मिला था.
हफिंगटन पोस्ट और एक जर्मन अखबार को भी व्हाइट हाउस में एंट्री नहीं मिली थी. वहीं, एबीसी न्यूज, न्यूजमैक्स, द ब्लेज, एनपीआर जैसे मीडिया संस्थानों के रिपोर्टरों को नहीं रोका गया था. ये सभी पहले ही अंदर चले गए थे और उन्हें किसी तरह से नहीं रोका गया था.
जारी किया साझा बयान
इसको लेकर रॉयटर्स, एपी और ब्लूमबर्ग ने जारी बयान में कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से लोकतंत्र को खतरा हो सकता है. टीमों ने अपने साझा बयान में कहा, "ब्लूमबर्ग, एपी और रॉयटर्स वाइट हाउस पूल में स्थायी तौर पर शामिल रहे हैं। हमने लंबे तौर पर इस बात का ध्यान रखा है कि दुनिया भर में लोगों के पास सटीक जानकारी पहुंचे. इसमें किसी तरह का राजनीतिक घालमेल ना रहे. पूरी दुनिया में लोग हमें पढ़ते हैं. स्थानीय स्तर पर तमाम मीडिया संस्थान हमारे ही वायर का प्रयोग करते रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में जनता के लिए यह जरूरी है कि उन्हें फ्री प्रेस के माध्यम से सरकार के बारे में जानकारी मिलती रहे.
'इससे अभिव्यक्ति की आजादी के सिद्धांत को खतरा'
तीनों संस्थानों ने आगे कहा, "हमारा मानना है कि ष्ट्रपति से जुड़े कार्यक्रमों पर मीडिया पर रोक लगाना गलत है. यह लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी के सिद्धांत को खतरा है. इससे जनता, समुदाय, कारोबार, वैश्विक वित्तीय बाजारों के सामने आने वाली जानकारी बाधित होती है. जो सही जानकारी के लिए हम पर निर्भर हैं.
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप कई मीडिया संस्थानों पर सीधे तौर पर हमला बोलते रहते हैं. उन्होंने राष्ट्रपति बनने से पहले कहा था कि अगर वो राष्ट्रपति बनते हैं तो वो इनकी व्हाइट हाउस में एंट्री पर बैन लगाएंगे. इसी संबंध में यह आदेश आया है. ये पत्रकार डोनाल्ड ट्रंप की पहली कैबिनेट मीटिंग को कवर करने आए थे.