Mars The Red Planet : मंगल या मार्स हमारे सौर मंडल का चौथा और धरती का पड़ोसी ग्रह है. यह ग्रह अपने अनोखे लाल रंग के कारण शुरू से ही इंसानों के बीच आकर्षण और चर्चा का विषय रहा है. इसके रंग के कारण इसे ‘लाल ग्रह’ का उपनाम दिया गया है. लेकिन अक्सर यह सवाल उठता रहा है कि आखिर इस ग्रह के लाल होने के पीछे असली कारण क्या है? जिसका अब वैज्ञानिकों ने खुलासा कर दिया है.

क्या है मंगल के लाल होने का कारण?

CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों का मानना है कि मंगल ग्रह का रंग उसकी सतह पर मौजूद जंग के रंग की धूल के कारण है, जिसे फेरिहाइड्राइट कहा जाता है. इसी धूल के कारण मंगल ग्रह को लाल रंग मिलता है. इस रहस्य का खुलासा मंगल ग्रह पर भेजे गए अंतरिक्ष यान और लैंडर से मिले डेटा के आधार पर किया गया है. उन्होंने बताया कि धरती पर होने वाली रसायनिक प्रक्रिया की तरह ही जब पत्थरों में मौजूद लोहा पानी या पानी और मंगल ग्रह के वायुमंडल में मौजूद ऑक्सीजन के साथ मिलकर बनता है तो इससे आयरन ऑक्साइड बनता है.

फेरिहाइड्राइट के कारण लाल दिखता है मंगल ग्रह

मंगल ग्रह की हवाओं ने अरबों साल में आयरन ऑक्साइड को पूरे ग्रह पर फैलाया और इसे धूल में बदल दिया. इस कारण से ही मंगल ग्रह का रंग लाल दिखता है. क्योंकि अब मंगल ग्रह पर पानी तरल में मौजूद नहीं है, इसलिए वैज्ञानिकों ने पहले माना था कि इसका जंग-लाल रंग धूल में मौजूद हेमेटाइट जैसे सूखे आयरन ऑक्साइड के कारण से है. हालांकि, सैटेलाइट डेटा और प्रयोगशाला प्रक्रियाओं के नई स्टडी के बाद मंगल ग्रह के लाल रंग का होने के लिए फेरिहाइड्राइट एक बेहतर कारण हो सकता है.

वैज्ञानिकों ने क्या कहा?

यूएसए टूडे के मुताबिक, ब्राउन यूनिवर्सिटी में धरती, पर्यावरण और ग्रह विज्ञान विभाग में एक प्रमुख लेखक और पोस्टडॉक्टरल फेलो एडोमास वैलंटिनस ने कहा, “मंगल ग्रह लाल क्यों है, इस सवाल पर सैकड़ों सालों से विचार किया जा रहा है और मंगल ग्रह अभी भी लाल है. लेकिन यह क्यों लाल है अब इसके बारे में हमारी समझ बदल गई है.”

वास्तविक नमूनों से ही रहस्य का होगा पूरा खुलासा

वैलंटिनस के मुताबिक, मंगल ग्रह पर फेरिहाइड्राइट का अस्तित्व यह बताता है कि इस ग्रह पर मूल रूप से एक तरल जल वातावरण मौजूद था, जो कि जीवन के लिए जरूरी है. स्टडी के सह-लेखक जैक मस्टर्ड ने कहा, “रिसर्च एक रहस्य से पर्दा उठाने का अवसर देता है. हालांकि, इस रिसर्च के नतीजे उत्साहजनक थे, लेकिन उन्हें सिर्फ मंगल ग्रह से लिए गए वास्तविक नमूनों से ही पूरी तरह से साबित किया जा सकता है.”

यह भी पढे़ेंः डोनाल्ड ट्रंप ने अब ताइवान को दिया बड़ा झटका, ट्रंप के इरादों से गदगद होगा चीन