NATO Membership: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन गुरुवार (19 मई) को स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन और फिनलैंड के राष्ट्रपति सौली नीनिस्टो का व्हाइट हाउस में स्वागत करेंगे. तीनों नेता फिनलैंड और स्वीडन के नाटो आवेदन और यूरोपीय सुरक्षा पर चर्चा करेंगे. व्हाइट हाउस ने कहा कि तीनों नेता वैश्विक मुद्दों के साथ ही करीबी साझेदारी को मजबूत करने और यूक्रेन के लिए समर्थन पर भी चर्चा करेंगे.  


बता दें फिनलैंड और स्वीडन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की सदस्य बनना चाहते हैं. फिनलैंड के राष्ट्रपति और सरकार ने रविवार को ऐलान किया कि उनका देश नाटो की सदस्यता लेने का इच्छुक है. स्वीडिश प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन ने नाटो का सदस्य बनने के लिए देश के आवेदन की प्रक्रिया शुरू करने के आधिकारिक निर्णय की घोषणा कर दी है. एंडरसन ने सोमवार को कहा, "यह स्पष्ट है कि नाटो में शामिल होने के मुद्दे पर स्वीडन की संसद में व्यापक बहुमत है."


इससे पहले फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मरीन ने कहा था कि नाटो में शामिल होने से फिनलैंड के लिए शांति और सुरक्षा की गारंटी में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, ‘‘हमने रूस के साथ युद्ध किए हैं, और हम अपने लिए या अपने बच्चों के लिए ऐसा भविष्य नहीं चाहते हैं.


नाटो विस्तार को खतरा मानते हैं पुतिन
फिलहाल नाटो के सदस्य देशों की संख्या 30 है, जिसमें ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा और कई अन्य यूरोपीय देश शामिल हैं. रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन नाटो के विस्तार को सुरक्षा खतरे के रूप में देखते हैं. पुतिन ने पहले फिनलैंड से कह चुके हैं कि नाटो में शामिल होना एक गलती साबित होगी. 


स्वीडन और फिनलैंड का बदला रुख 
दूसरे विश्व युद्ध के बाद से स्वीडन ऐतिहासिक रूप से तटस्थ रहा है. वहीं फिनलैंड, जो रूस के साथ सीमा साझा करता है, पुतिन के विरोध से बचने के लिए अब तक इससे दूर रहा है. लेकिन अब दोनों ही देश अपना पुराना रवैया छोड़ कर नाटो का सदस्य बनने की इच्छा खुलकर जाहिर कर रहे हैं. 


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