बांग्लादेश में अगले साल होने वाले चुनावों से पहले अनिश्चितता और राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ती जा रही है. बांग्लादेश की कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को चेतावनी दी है कि अगर उनकी सरकार का कोई भी सदस्य किसी राजनीतिक दल के लिए काम करता है तो लोग सड़कों पर उतर आएंगे. पार्टी ने कहा कि सभी लोग जानते हैं कि उनका क्या हुआ जिन्होंने पार्टी की कठपुतली की तरह काम किया है.
जिन पार्टियों ने पहले शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए यूनुस के साथ मिलकर काम किया था, वे अब सुधार प्रस्तावों को लेकर आपस में भिड़ गई हैं.
बांग्लादेशी न्यूजपेपर द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार (20 अक्टूबर, 2025) को ढाका में बैतुल मुकर्रम राष्ट्रीय मस्जिद के नॉर्थ गेत पर पार्टी की एक रैली हुई, जिसे जमात के सहायक महासचिव रफीकुल इस्लाम खान ने संबोधित किया.
रफीकुल इस्लाम खान ने कहा, 'अगर कोई सलाहकार, सचिव, चुनाव आयुक्त या पुलिस अधिकारी पार्टी के आदमी की तरह काम करना चाहता है, तो उसे इस्तीफा दे देना चाहिए. सभी जानते हैं कि प्रशासन में उन लोगों का क्या हुआ जिन्होंने पार्टी के कठपुतली की तरह काम किया. अगर कोई सरकारी पद पर बैठा व्यक्ति किसी राजनीतिक दल के लिए काम करता है, तो लोग यूं ही हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठेंगे.' यह रैली जमात और सात अन्य इस्लामिक दलों की पांच सूत्री मांगों को लेकर चल रहे संगठित आंदोलन के चौथे चरण के तहत आयोजित की गई थी, जिसमें जुलाई चार्टर पर नवंबर में जनमत संग्रह और आगामी राष्ट्रीय चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत कराने की मांग शामिल है.
रफीकुल ने मागों को दोहराते हुए कहा, 'अगर ये मांगें पूरी नहीं हुईं, तो जमात का आंदोलन जारी रहेगा.' दूसरी ओर, नागरिक पार्टी (NCP) के बीच जनसंपर्क प्रणाली की मांग को लेकर बढ़ते तनाव के बीच, जमात के महासचिव गुलाम पोरवार ने एनसीपी नेताओं को इस्लामी पार्टी के साथ कॉम्पटीशन करने से बचने की सलाह दी.
गुलाम पोरवार की ये टिप्पणी एनसीपी संयोजक नाहिद इस्लाम के बयान के बाद आई है. नाहिद इस्लाम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक बयान में कहा था कि जमात की ओर से शुरू की गई आनुपातिक प्रतिनिधित्व आंदोलन की मांग एक सोची-समझी राजनीतिक धोखाधड़ी के अलावा और कुछ नहीं है.
बांग्लादेश के बंगाली अखबार प्रोथोम आलो में पोरवार के हवाले से लिखा गया, 'आप एक नए छात्र-नेतृत्व वाले राजनीतिक संगठन हैं. जमात-ए-इस्लामी से प्रतिस्पर्धा करने के लिए आपको अभी लंबा रास्ता तय करना है. जन्म के तुरंत बाद अपने पिता से प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश न करें.' उन्होंने कहा कि वह एनसीपी को गंभीरता से नहीं लेते हैं.