अमेरिका अपनी इमिग्रेशन नीतियों को सख्त करते हुए जैसे-जैसे H-1B वीजा और आउटसोर्सिंग नीतियों को सख्त कर रहा है उसने टेक्सनोलॉजी इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है. खासकर वैसे कर्मचारियों के लिए जो H-1B वीजा के तहत अमरिका में हैं. इस इंडस्ट्री से जुड़े एक कर्मचारी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि सालों से कानूनी दर्जा प्राप्त होने तथा अमेरिकी अर्थव्यवस्था में योगदान देने के बावजूद उन्हें वहां खतरा महसूस हो रहा है.
कर्मचारियों के डर का मुख्य कारण ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 19 सितंबर 2025 को नए H-1B वीजा के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों पर 100,000 डॉलर का आवेदन शुल्क लगाने वाले आदेश पर हस्ताक्षर किया था. यूएस के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने नए शुल्क के पीछे के कारण को स्पष्ट करते हुए H-1B वीजा को सबसे अधिक दुरुपयोग किया जाने वाला इमिग्रेशन प्रोग्राम बताया.
'इस बार सब कुछ खत्म हो गया'
H-1B वीजा के तहत अमेरिका में रहकर काम करने वाले इस कर्मचारी के वायरल पोस्ट से वहां रह रहे भारतीयों में डर का माहौल बन गया है. इस पोस्ट में कहा गया, "मुझे लगता है कि इस बार सब कुछ खत्म हो गया है. हमने यहां कड़ी मेहनत की है. हम पर कई बार भेदभाव के आरोप लगे, लेकिन हमने कभी ऐसा नहीं किया और ईमानदार इंसान बनने की कोशिश की है फिर भी हमें निशाना बनाया जा रहा है."
'H-1B वीजा का स्वर्णिम युग खत्म'
हाल के दिनों में एच-1बी वीजा धारकों पर सबसे ज्यादा ये आरोप लगे कि वे अमेरिकी नागरिकों के साथ भेदभाव करते हैं. इससे जवाब में उस कर्मचारी ने कहा कि उन्होंने हमेशा नौकरी के उम्मीदवारों का मूल्यांकन योग्यता के आधार पर किया और हर एक सीवी को ईमानदारी से देखा. उन्होंने कहा, "H-1B वीजा का स्वर्णिम युग खत्म हो गया है. हमें अभी से सामान पैक करना और आगे की प्लानिंग पर काम करना शुरू कर देना चाहिए."
ट्रंप सरकार पर उनकी मांगों को थोपने का आरोप
सोशल मीडिया पर एक यूजर ने उनकी पोस्ट पर सहमति जताते हुए कहा, "दुर्भाग्य से यह खत्म नहीं होगा. धीरे-धीरे यह सवाल करना सामान्य हो जाएगा कि हम इन सभी ज्यादा वेतन वाली नौकरियों के लिए इतने सारे गैर-अमेरिकी नागरिकों को क्यों ले रहे हैं. लोग आगे बढ़कर कंपनियों पर नागरिकों को प्राथमिकता देने के लिए दबाव डालना शुरू कर देंगे. कंपनियां शुरुआत में हिचकिचाएंगी और बाद में या तो आउटसोर्सिंग करेंगी या उनकी मांगों के आगे झुक जाएंगी."
एक अन्य यूजर ने लिखा, "H-1B वीजा की समस्या बहुत बड़ी है. इस प्रोग्राम को सालाना 5 हजार से कम वीजा तक सीमित रखा जाना चाहिए. जो सबसे कुशल होंगे केवल उन्हें ही ये वीजा मिलना चाहिए. इस समय अमेरिका में लगभग 20 लाख एच1बी/एच4 ईएडी काम कर रहे हैं."