Israel: इजरायल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के किए न्यायिक फेरबदल के कारण पूरे देश में विरोध प्रदर्शन जारी है. सोमवार को यह प्रदर्शन बेहद ही उग्र दिखा. इसका असर भारत में भी देखने को मिला. भारत में इजरायल का दूतावास अपने सबसे बड़े श्रमिक संघ द्वारा बुलाई गई हड़ताल में भाग लेने पहुंचा.


भारत में इजरायल के दूतावास द्वारा सोमवार की शाम एक बयान में कहा गया कि दूतावास अगले नोटिस तक बंद रहेगा और कोई कांसुलर सेवाएं प्रदान नहीं की जाएंगी. गौरतलब है कि देश के सबसे बड़े ट्रेड यूनियन समूह ने सोमवार को हड़ताल का आह्वान किया. इजरायल के सबसे बड़े श्रमिक संघ, हिस्ताद्रुत ने दुनिया भर में इजरायल के राजनयिक मिशनों सहित सभी सरकारी कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने का निर्देश दिया है. भारत में इजरायल के दूतावास ने अपने बयान में कहा कि भारत समेत दुनिया भर में सभी इजरायली मिशनों के अधिकारी तब तक हड़ताल पर रहेंगे जब तक सरकार अपने फैसले बदल नहीं लेती.


लड़ाई जारी रखने की खाई कसम


हिस्ताद्रुत के अध्यक्ष अर्नोन बार-डेविड ने एक टेलीविजन संबोधन में कहा कि मैं एक आम हड़ताल का आह्वान कर रहा हूं. हमारे पास इस विधायी प्रक्रिया को रोकने के लिए एक मिशन है और हम इसे करेंगे. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हमने लड़ाई जारी रखने की कसम खाई है.


रक्षा मंत्री को बर्खास्त किए जाने पर बढ़ा बवाल 


बता दें कि बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी सरकार के रक्षा मंत्री योआव गैलंट को पद से बर्खास्त कर दिया, जिसके बाद से उनके खिलाफ चल रहा प्रदर्शन और उग्र हो गया है. मालूम हो कि योआव ने नेतन्याहू के न्याय व्यवस्था से जुड़े बदलावों का विरोध किया था, जिसके बाद उन्हें पद मुक्त कर दिया गया है. न्यायिक बदलावों से बेहद नाराज कर्मचारियों ने इजरायल के तेल अवीव स्थित बेन गुरियन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ाने भी ठप कर दी हैं.  


मेडिकल और स्थानीय प्रशासन भी जा सकता है हड़ताल पर 


इसके साथ ही खबर है कि जल्द ही मेडिकल एसोसिएशन और स्थानीय प्रशासन भी हड़ताल पर जाने की तैयारी में है. साथ ही दुनिया भर के इजरायली दूतावासों को भी एक पत्र भेजकर कहा गया है कि देश और विदेश में विदेश मंत्रालय की गतिविधियां आपातकालीन सेवाओं तक सीमित रहेंगी.


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