Israeli Judicial Overhaul: यहूदी बहुल मुल्‍क इजरायल (Israel) में 75वें स्वतंत्रता दिवस से पहले सड़कें प्रदर्शनकारियों से भरी नजर आ रही हैं. ये प्रदर्शन वहां नेतन्याहू सरकार के फैसलों के खिलाफ शुरू हुए हैं. हजारों कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की भी तैयारी कर ली है. 

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) की अगुवाई वाली सरकार ने न्यायिक फेरबदल का फैसला लिया था. संसद ने न्यायपालिका में आमूल-चूल परिवर्तन के लिए प्रस्तावित कई विवादित कानूनों में से पहले प्रधानमंत्री को बचाने के लिए लाया गया कानून पारित कर दिया, जिसका विपक्षी दलों ने विरोध किया. आलोचकों का कहना है कि नेतन्याहू सरकार का ये कानून उनके लोकतांत्रिक देश को मजबूत करने वाली महत्वपूर्ण व्‍यवस्‍था व संतुलन को खत्‍म कर देगा.

नेतन्याहू के न्यायिक सुधारों के खिलाफ प्रदर्शन तेज प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार के मनमाने फैसले से इजरायल अधिनायकवाद की ओर बढ़ेगा. बताया जा रहा है कि संसद से उक्त कानून ऐसे समय में पारित हुआ, जब सड़कों पर इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गठबंधन सरकार ने उस विधेयक को मंजूरी दी है, जो भ्रष्टाचार और हितों से टकराव के मामले में सुनवाई का सामना कर रहे इजराइली नेता को शासन करने से अयोग्य करार दिए जाने से बचाएगा.

यह इज़राइल के सबसे बड़े घरेलू संकटों में से एककुछ प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि नेतन्याहू की सरकार सुप्रीम कोर्ट पर नियंत्रण चाहती है, इसलिए उसने ऐसा कानून बनाया. उनका कहना है कि देशभर की जनता ऐसे कानून के विरोध में हैं. लिहाजा, 22 अप्रैल शनिवार को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ हजारों इजरायली विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. पिछले महीने शुरू हुए इस सियासी संकट ने इज़राइल के हाल के इतिहास में सबसे बड़े घरेलू संकटों में से एक को जन्म दिया है. 

ज्‍यादातर लोग नेतन्याहू सरकार के फैसले से नाखुशइज़राइल के पब्लिक ब्राडकास्‍टर द्वारा शुक्रवार (21 अप्रैल) को जारी किए गए एक सर्वे के आधार पर कहा गया कि नेतन्याहू सरकार का प्‍लान अत्यधिक अलोकप्रिय है. सर्वे में 53 फीसदी लोगों ने कहा कि उनका मानना ​​है कि यह प्‍लान देश को नुकसान पहुंचाएगा.

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