Israel Hamas War : इजरायल-हमास युद्ध को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि रमजान के पवित्र महीने में भारत ने युद्ध रोकने का आग्रह किया था. इसके लिए भारत से एक विशेष दूत को भेजा गया था, ताकि युद्ध पर विराम लगाया जा सके. भारत के अनुरोध को इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू मान गए और उन्होंने संघर्ष विराम को मंजूरी दे दी थी.
बता दें कि भारत और इजरायल के बीच दोस्ती दशकों पुरानी है. करगिल जंग हो या गाजा युद्ध दोनों ही देशों ने एक-दूसरे की मदद की है. पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा कि रमजान का महीना था, तब मैंने अपने एक विशेष दूत को इजरायल भेजा. इजरायल के पीएम और राष्ट्रपति सबसे मिलना था. मैंने कहा कि इन्हें समझाइए कि कम से कम रमजान में गाजा में बम न गिराएं. यहां तो मुझे आप मुस्लिमों को लेकर घेर लेते हैं, लेकिन मोदी ने गाजा में रमजान के महीने में बम हमले को रुकवाया, लेकिन मैं इसकी पब्लिशिटी नहीं करता हूं.
कौन थे वो दूत, जिसकी पीएम ने की चर्चाइंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी जिस दूत की बात कर रहे थे, दरअसल वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल थे. डोभाल ने रमजान से ठीक पहले 11 मार्च को इजरायल की यात्रा की थी. उन्होंने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की थी और क्षेत्रीय विकास पर चर्चा की थी. साथ ही उन्होंने गाजा में लोगों की जरूरत पर ध्यान देने के लिए कहा था. गाजा में उन दिनों खाने-पीने की चीजों की भारी कमी थी. इजरायली पीएम ने एक्स पर भी इसकी जानकारी दी थी. मीटिंग में डोभाल ने बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता की बात की. बता दें कि अक्टूबर में हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया था और 1200 लोगों की हत्या कर दी थी। उन्होंने 250 इजरायली लोगों को बंधक भी बना लिया था. डोभाल ने इजरायली समकक्ष त्जाखी हानेगबी से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा को ही रमजान में संघर्ष विराम रुकवाने की तरफ पीएम ने इशारा किया है.
यूक्रेन में जंग रुकवाकर निकाले थे भारतीय छात्रइससे पहले यूक्रेन युद्ध को रुकवाने में भी भारत की भूमिका रही है. पीएम मोदी यूएई, कतर, सऊदी अरब, मिस्र और जॉर्डन के नेताओं के साथ भी संपर्क में थे. पीएम ने रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी पुतिन और जेलेंस्की से बात की थी और कुछ समय के लिए संघर्ष विराम कराया था. इस दौरान वहां फंसे भारतीय छात्रों को निकाला गया था.