Israel Hamas Conflict: इजरायल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से चर्चा का विषय बना रफाह बॉर्डर एक बार फिर खबरों में है. दरअसल, गाजा की बॉर्डर अथॉरिटी ने शनिवार को ऐलान किया कि रफाह बॉर्डर का मिस्र में प्रवेश करने वाला पॉइंट रविवार को विदेशी पासपोर्ट धारकों और आश्रितों के लिए फिर से खुल जाएगा.


यह पट्टी गाजा और मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप के बीच आवाजाही के लिए सबसे अहम एंट्री गेट है और खास बात ये है कि इस पर इजरायल का नियंत्रण नहीं है. इजरायल और हमास युद्ध के बाद से इसी गेट के जरिये सहायता ट्रकों की आवाजाही हो पा रही है.


सुबह 9 बजे से खोला जाएगा बॉर्डर


मिस्र और फिलिस्तीनी सूत्रों ने कहा कि उत्तरी गाजा से मेडिकल शरणार्थियों की निकासी की समस्याओं के कारण तत्काल चिकित्सा उपचार की आवश्यकता वाले फिलिस्तीनियों की निकासी शुक्रवार को निलंबित कर दी गई थी. पर अब इस गेट को फिर खोला जाएगा. मिस्र के सूत्रों के मुताबिक, इस एंट्री गेट को स्थानीय समयानुसार सुबह 9 बजे खोला जाएगा.


क्या है रफाह बॉर्डर क्रॉसिंग और इसका महत्व?


रफाह क्रॉसिंग गाजा पट्टी के दक्षिण में स्थित एक बॉर्डर क्रॉसिंग है. यह बॉर्डर गाजा पट्टी को मिस्र के सिनाई रेगिस्तान एरिया से जोड़ती है. अगर गाजा पट्टी क्षेत्र में इसके दूसरे बॉर्डर पॉइंट की बात करें तो वे इरेज और केरेम शलोम हैं. पर ये दोनों बॉर्डर क्रॉसिंग इजरायल से जुड़े हैं और इन पर इजरायल का नियंत्रण है. इजरायल इसे सिर्फ व्यापारिक गतिविधियों के लिए खोलता है, लेकिन 7 अक्टूबर को हुए हमास के हमले के बाद से यह पूरी तरह से बंद है. क्योंकि ये दोनों बॉर्डर बंद हैं और इनके खुलने की उम्मीद नहीं है. ऐसे में लोगों के लिए रफाह क्रॉसिंग ही लाइफलाइन रह गई है, जिसके जरिये वह गाजा पट्टी से अंदर और बाहर आ-जा सकते हैं. गाजा पट्टी में मानवीय मदद पहुंचाने में लगी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भी अपने ट्रकों को इसी बॉर्डर से गाजा पट्टी में ले जा रही हैं.


मिश्र क्यों बार-बार बंद कर देता है रफाह क्रॉसिंग?


दरअसल, मिस्र सरकार इस बात से चिंतित है कि कहीं फिलस्तीनी नागरिक गाजा पट्टी से सिनाई रेगिस्तान में आकर न बस जाएं. इसके साथ ही मिस्र सरकार इस्लामिक चरमपंथियों के आने की आशंकाओं को लेकर भी चिंतित है. यही वजह है कि उसकी तरफ से बार-बार इस क्रॉसिंग को बंद किया गया है.


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