Israel-Hamas War and India Reaction: इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध पर भारत ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया दी है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि (डीपीआर) राजदूत आर. रवींद्र ने बुधवार (25 अक्टूबर) को कहा, "भारत इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और बड़े पैमाने पर आम लोगों की मौत को लेकर काफी चिंतित हैं.


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में "फलस्तीनी प्रश्न सहित मध्य पूर्व की स्थिति" पर खुली बहस में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए रवींद्र ने यह बयान दिया. उन्होंने आगे कहा, "इज़राइल में 7 अक्टूबर को हुए आतंकवादी हमले चौंकाने वाले थे और हम स्पष्ट रूप से उनकी निंदा करते हैं. हमारे प्रधानमंत्री पहले वैश्विक नेताओं में से एक थे जिन्होंने जानमाल के नुकसान पर अपनी संवेदना व्यक्त की और निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना की."


'महिला और बच्चों की रक्षा करनी चाहिए'


रवींद्र ने कहा, "जब इजरायल इन आतंकवादी हमलों का सामना कर रहा था तब संकट की इस घड़ी में हम उसके साथ एकजुटता से खड़े थे. उन्होंने मौजूदा संघर्ष में आम नागरिकों की मौत पर को गंभीर और निरंतर चिंता का विषय बताया. उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की रक्षा करनी चाहिए.


'जारी रखेंगे फलस्तीनियों की मदद'


आर. रवींद्र ने अपने भाषण में इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच गाजा-पट्टी में नागरिकों को मानवीय सहायता भेजने के भारत के प्रयासों को भी रेखांकित किया और कहा कि “इस क्षेत्र में 38 टन भोजन और महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण भेजे हैं. भारत ने हमेशा इजरायल-फलस्तीन मुद्दे का बातचीत से समाधान की बात कही है. हम अपनी द्विपक्षीय विकास साझेदारी के माध्यम से फलस्तीनी लोगों का समर्थन करना जारी रख रहे हैं, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, उद्यमिता और सूचना प्रौद्योगिकी शामिल हैं. इस चुनौतीपूर्ण समय में भारत फलस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता भेजना जारी रखेगा. दोनों देशों के बीच वार्ताओं को फिर से शुरू करने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए. भारत इजरायल-फलस्तीन संघर्ष का उचित, शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है."


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