Israel Hamas War: इजरायल-हमास युद्ध में दोनों पक्षों की ओर से अब तक कम से कम 1100 लोगों की मौत हुई है. 7 अक्टूबर को अचानक हुए इस हमले ने इजरायली सेना और खुफिया एजेंसी मोसाद पर कई सवाल खड़े किए हैं.  मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, हमास पिछले दो साल से इजरायल पर औचक हमला करने की तैयारी कर रहा था. रायटर्स ने हमास के एक करीबी सूत्र को हवाले से बताया कि हमास की रणनीति थी कि वह इजरायल को इस भ्रम में रखे कि वो कोई भी लड़ाई नहीं चाहता जबकि दूसरी ओर वह अपने लड़ाकों को ट्रेनिंग मुहैया कर रहा था. 


कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि हमास ने इस हमले को लेकर लेबनान की राजधानी बेरूत में बैठक की थी और वहीं इसका फैसला भी लिया गया था. रायटर्स के मुताबिक हमास काफी समय से इजरायल पर हमले के लिए हथियार जुटा रहा था. इस हमले के लिए हमास ने गाजा पट्टी पर डमी बस्तियों को बसाया और मॉक ड्रिल के तौर पर हमला किया. 


इजरायल ने गाजा पट्टी पर रहने वाले लोगों को क्या सहूलियतें दी हैं?


जानकार बताते हैं कि गाजा पट्टी में रहने वाले ज्यादातर लोग लड़ाई का समर्थन नहीं करते हैं, क्योंकि उनमें से कई लोग इजरायल में काम करते हैं. इजरायल ने उन्हें काम के लिए वर्क परमिट दी हैं. ये लोग बड़ी संख्या में इजरायल में काम धंधा के लिए जाते रहे हैं.


युद्ध के बाद इन लोगों के जीवन यापन की समस्या खड़ी हो गई है. जब इजरायल ने हमास के हमलों का जवाब देने के लिए गाजा पट्टी पर हमले की योजना बनाई तब इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में रहने वाले लोगों से घर खाली कर सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की थी. 


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