Iran Anti-Hijab Protests: ईरान में चल रहे देशव्यापी हिजाब विरोधी प्रदर्शनों में 26 साल के अमीर नस्र-अजादानी ने हिस्सा लिया था. इसके बाद वहां की सरकार ने उन्हें मृत्युदंड देने का फैसला किया है. अजादानी पेशे एक मशहूर फुटबॉलर हैं. न्यूजवीक की रिपोर्ट के अनुसार नवंबर में अमीर नस्र-अजादानी को हिजाब के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में भाग लेने के बाद गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उनके ऊपर एक इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स कमांडर की मौत के संबंध में आरोप लगाया गया था.


नस्र-आजादानी ने कथित तौर पर केवल थोड़े समय के लिए विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और बाकी लोगों के साथ सरकार विरोधी नारे लगाए थे. नस्र-अजादानी पर तब मोहरे बेह यानी ईश्वर के खिलाफ शत्रुता के अपराध का आरोप लगाया गया था, जिसमें सजा के रूप में मृत्युदंड दिया जाता है.


फिफप्रो ने की निंदा


पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ियों के अंतरराष्ट्रीय संघ फिफप्रो (FIFPRO) ने आमिर नस्र-अजादानी की मौत की सजा के खिलाफ आवाज उठाई है. फिफप्रो इस खबर से काफी हैरान है कि पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी अमीर नस्र-अजादानी को अपने देश में महिलाओं के अधिकारों और बुनियादी आजादी के लिए अभियान चलाने की वजह से ईरान में फांसी का सामना करना पड़ रहा है. संगठन ने एक ट्वीट में कहा, "हम आमिर के साथ एकजुटता से खड़े हैं और उनकी सजा को तत्काल हटाने की मांग करते हैं.





क्यों शुरू हुआ विरोध


ईरान की पुलिस की हिरासत में कथित रूप से लगी चोटों से सितंबर में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद ईरान में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. महसा अमिनी को कथित तौर पर हिजाब ठीक से नहीं पहनने के लिए राजधानी तेहरान की यात्रा के दौरान गिरफ्तार किया गया था. महसा अमिनी की मौत के बाद ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन आग की तरह फैल गए और यह देश के सबसे बड़े नागरिक विद्रोह में बदल गया. ईरान में हिजाब को लेकर बीते कई महीनों से विवाद लगातार चल रहा है. इसी विवाद में शामिल होने को लेकर ईरान की सरकार कई लोगों को फांसी की सजा दे चुकी है.


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